February 21, 2025

भौतिक विज्ञान के तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का शुभारंभ

0
107
Spread the love

फरीदाबाद, 26 अक्तूबर – जे.सी. बोस विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, वाईएमसीए, फरीदाबाद के भौतिक विज्ञान विभाग द्वारा भौतिक अनुप्रयोगों के लिए उन्नत सामग्री को लेकर तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन (आईसीएएमएसए-2021) आज शुरू हो गया।

उद्घाटन सत्र में नीदरलैंड के ट्वेंटी विश्वविद्यालय से प्रो. एच. जे. डब्ल्यू. जांडवलियट मुख्य अतिथि रहे। सत्र की अध्यक्षता कुलपति प्रो. दिनेश कुमार ने की। इस सत्र में नेशनल एक्रिडिटेशन बोर्ड फॉर टेस्टिंग एंड कैलिब्रेशन लेबोरेटरीज (एनएबीएल), गुड़गांव के अध्यक्ष प्रो. आर. के. कोटनाला विशिष्ट अतिथि रहे। सत्र में भौतिकी विभाग की अध्यक्ष डॉ. अनुराधा शर्मा भी मौजूद थीं। सम्मेलन का संचालन आयोजन सचिव डॉ. अनुराग गौड़ और डॉ. प्रमोद कुमार ने किया।

सत्र को संबोधित करते हुए डॉ अनुराधा शर्मा ने सभी गणमान्य व्यक्तियों, प्रतिभागियों एवं सहयोगियों का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि वैज्ञानिक प्रगति से मानव जीवन की गुणवत्ता में सुधार का मुख्य आधार है, इसलिएयह किसी न किसी तरह से मानव जीवन एवं समाज कल्याण से जुड़ा होना चाहिए। उन्होंने कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत की। उन्होंने बताया कि सम्मेलन में चार प्लेनरी सत्र, 8 मुख्य सत्र, 2 आमंत्रित व्याख्यान सत्र, 112 मौखिक व पोस्टर प्रस्तुतियों होंगी, जिसमें दुनिया भर से लगभग 270 प्रतिभागियों ने पंजीकरण करवाया हैं।’

अपने संबोधन में प्रो. दिनेश कुमार ने अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन के शीर्षक के महत्व पर प्रकाश डाला और सामाजिक अनुप्रयोगों के लिए उन्नत सामग्री के विकास पर जोर दिया। उन्होंने महान भारतीय वैज्ञानिक सर जेसी बोस और भौतिकी और जीवन विज्ञान के क्षेत्र में उनके योगदान का भी उल्लेख किया।

प्रो. दिनेश कुमार ने जे.सी. बोस विश्वविद्यालय के मंच पर दुनिया भर के प्रसिद्ध शोधकर्ताओं को लाने के लिए आयोजकों के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि किसी भी शोध का तब तक प्रभाव नहीं पड़ता जब तक वह समाज के लिए प्रासंगिक न हो। उन्होंने शोधकर्ताओं से देश की सामाजिक समस्याओं के समाधान के लिए उन्नत सामग्री-आधारित उपकरणों के विकास पर कार्य करने के लिए कहा।
विशिष्ट अतिथि प्रो. आर.के. कोटनाला ने रक्षा, परमाणु, सुरक्षा, अंतरिक्ष, अपशिष्ट प्रबंधन, नवीकरणीय, ऊर्जा उत्पादन और भंडारण जैसे कई रणनीतिक और सामाजिक अनुप्रयोगों के लिए विशिष्ट डिजाइन के साथ सामग्री में बदलाव की मांग पर चर्चा की।

नीदरलैंड के ट्वेंटी विश्वविद्यालय से प्रो. एच. जे. डब्ल्यू. जांडवलियट ने महामारी के दौरान वैज्ञानिक संवाद को बढ़ावा देने के लिए ऑनलाइन सम्मेलनों के महत्व पर चर्चा की। अंत में आयोजन सचिव डॉ. प्रमोद कुमार ने सम्मेलन के आयोजन दल की ओर से सभी का धन्यवाद ज्ञापित किया।

About The Author

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *