Faridabad News, 03 Nov 2020 : भारतीय शिक्षण मण्डल के हरियाणा प्रांत द्वारा रामराज्य की परिकल्पना को साकार करने के उद्देश्य से ‘भगवान रामः लोक चेतना के जन नायक, सांस्कृतिक एवं साहित्य का परिप्रेक्ष्य’ विषय पर 6 से 8 नवम्बर, 2020 तक तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय ई-सम्मेलन का आयोजन किया जायेगा।
भारतीय शिक्षण मण्डल, हरियाणा प्रांत के संरक्षक प्रो. दिनेश कुमार जोकि जे.सी. बोस विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, वाईएमसीए, फरीदाबाद के कुलपति भी है, ने आज यहां जानकारी देते हुए बताया कि इस सम्मेलन का उद्देश्य भगवान श्री राम को भारत के साथ-साथ पूरे विश्व में सभ्यता के जनक के रूप में प्रतिस्थापित करना है क्योंकि श्री राम केवल दक्षिण एशियाई सभ्यता का केंद्र नहीं है, अपितु संपूर्ण दुनिया में उन्हें सर्वाधिक पूजनीय माना जाता हैं। पत्रकार सम्मेलन में भारतीय शिक्षण मंडल के संगठन सचिव श्री सुनील शर्मा, दीनबंधू छोटू राम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आर. के. अनायत तथा चौधरी बंसीलाल विश्वविद्यालय के कुलसचिव डाॅ. जितेन्द्र कुमार भी डिजिटल माध्यम से जुड़े। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलसचिव डाॅ. एस.के. गर्ग भी उपस्थित थे।
प्रो. दिनेश कुमार ने बताया कि इस सम्मेलन का आयोजन भारतीय शिक्षण मण्डल द्वारा दीनबंधू छोटू राम विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, मुरथल के संयुक्त तत्वावधान में किया जा रहा है। इस सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में श्री राम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र, अयोध्या (उत्तर प्रदेश) के कोषाध्यक्ष पूजनीय गोविंददेव गिरि जी महाराज मुख्य अतिथि रहेंगे। इस सत्र में भारतीय शिक्षण मंडल के राष्ट्रीय संगठनिक सचिव श्री मुकुल कानिटकर मुख्य वक्ता होंगे और दीनबंधू छोटू राम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आर. के. अनायत विशिष्ट अतिथि रहेंगे। समापन सत्र में गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत मुख्य अतिथि रहेंगे और इस सत्र में भारतीय शिक्षण मंडल के राष्ट्रीय अध्यक्ष डाॅ. सच्चिदानंद जोशी मुख्य वक्ता रहेंगे।
सम्मेलन के अध्यक्ष एवं चौधरी बंसीलाल विश्वविद्यालय के कुलसचिव डाॅ. जितेन्द्र कुमार ने बताया कि सम्मेलन के दौरान दार्शनिकों, संतों, मनोवैज्ञानिकों, समाजशास्त्रियों, पुरातत्वविदों, विशेषज्ञों, शिक्षाविदों और शोधकर्ताओं द्वारा किया जाने वाला विचार-विमर्श के माध्यम से ऐसे लोगों के मन से अज्ञानता को खत्म करने का प्रयास किया जायेगा जोकि श्री राम को किसी एक सांप्रदायिक के प्रतीक या सांप्रदायिक गतिरोध के रूप में देखते है क्योंकि यह ऐतिहासिक तथ्य है कि श्री राम न केवल भारत में, बल्कि विश्व में सांप्रदायिक सद्भाव के प्रतीक हैं और जन नायक हैं।
भारतीय शिक्षण मंडल के संगठन सचिव श्री सुनील शर्मा ने बताया सम्मेलन के दौरान विभिन्न विषयों पर शोध पत्र भी प्रस्तुत किये जायेंगे, जिनके उपविषयों में सृष्टि नायक राम, राम राज्य की संकल्पना तथा विश्वव्यापी प्रभु राम शामिल हैं। शोध पत्रों के माध्यम से विभिन्न धर्मों, भाषाओं, रीति रिवाजों और लोक कलाओं में श्री राम की अभिव्यक्ति, ऐतिहासिक, राजनैतिक, सामाजिक एवं दार्शनिक संदर्भाें तथा अलग-अलग देशों जैसे मलेशिया, इंडोनेशिया, थाईलैंड, नेपाल, बर्मा और कम्बोडिया में श्री राम की मौजूदगी पर चर्चा की जायेगी। सम्मेलन का संयोजन प्रो. ऋषिपाल, डाॅ. जय सिंह तथा डाॅ. आर.डी. कौशिक द्वारा किया जा रहा है।
भारतीय शिक्षण मंडल एक स्वयंसेवी संगठन है जो विगत 50 वर्षों से शिक्षा क्षेत्र में उद्देश्यपूर्ण पुनरुत्थान के उद्देश्य के साथ काम कर रहा है। इसका उद्देश्य अभिन्न भारतीय दृष्टि पर आधारित राष्ट्रीय शिक्षा नीति, पाठ्यक्रम, प्रणाली और कार्यप्रणाली को विकसित करना है, जो इसकी शाश्वत लोकाचार में निहित है और देश के समग्र विकास पर केंद्रित है। भारतीय शिक्षण मण्डल द्वारा देश के सभी हिस्सों में कई शैक्षिक, बौद्धिक और प्रयोगात्मक गतिविधियां संचालित की जा रही हैं।