Faridabad News, 14 July 2020 : महिला आयोग की सदस्य रेनु भाटिया ने कहा कि महिलाओं के साथ हिंसा या शारीरिक और मानसिक हरासमैन्ट होती तो वे बिना हिचकिचाहट के महिला पुलिस थाने में शिकायत दर्ज करवा सकती हैं। यदि महिला पुलिस थाने में शिकायत दर्ज करने मे आना कानी करती है तो तुरंत इस बारे मे महिला आयोग को सूचित करें। जिस पर आयोग तुरंत प्रभाव से कार्यवाही करना सुनिश्चित करेगा।
श्रीमती रेनु भाटिया स्थानीय सैक्टर-31 में पुलिस लाइन में प्रोटेक्शन हाउस का निरीक्षण कर रही थी।
श्रीमती भाटिया ने प्रोटेक्शन हाउस में साहेल, प्रियंका, सन्दीप कुमार, कविता, भगवान दास, हिमांशी, फरमान खान और मान्शी से परामर्श करके वहां पर सरकार द्वारा जारी हिदायतों के अनुसार मिलने वाली सुविधाएं की जानकारी ली। उन्होंने कहा कि इनके माता -पिताओ से भी परामर्श किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि समाज में महिलाओं की कई बार ऐसी दर्दनाक और शर्मसार घटनाएं सामने आई है, जो कि चंद लोगों की घटिया सोच के कारण देश को पूरे विश्व में कलंकित करती है। ऐसी शर्मसार घटनाओ को अन्जाम देने वाले लोगों में कही न कहीं सामाजिक आदर्शों और सिद्धांतिक मूल्यों की कमी रहती है। यदि माता- पिता बच्चों को सामाजिक सरोकारों और आदर्शो के प्रति बच्चों को जागरूक करें और उनके साथ जरूरत अनुसार परामर्श करें तो निश्चित तौर पर ऐसी शर्मसार घटनाओ पर पूर्णतया काबू पाया जा सकता है।
हमें मजबूत इरादों और उच्च सोच के साथ सामाजिक जिम्मेदारी को निभाने का प्रयास करना चाहिए।अपने आप के साथ- साथ अपने सहपाठि को मजबूती के साथ सुरक्षित रहने के लिए प्रेरित करें।
श्रीमती भाटिया ने कहा कि हर स्कूल, कालेज, अस्पताल,संस्थाओं, कम्पनियों व कार्यालय में आईसीसी कमेटी का गठन जरूरी है जहां महिलाओं की उपस्थिति है। उन्होंने कहा कि महिलाएं अपने साथ हुए अपराध की सूचना किसी भी थाने चौकी में दर्ज करा सकती हैं, चाहे वह उस क्षेत्र में न हो जहां घटना घटी हो। उन्होंने कहा कि समाज में महिला सुरक्षा की भावना को मजबूत करने के लिए धरातल पर पूरी निष्ठा और इमानदारी से कार्य करने की जरूरत है। सभी माता पिता बच्चों को जरूरत अनुरूप परामर्श अवश्य करें तो निश्चित तौर पर समाज में घिनौनी हरकत करने वालो पर काबू किया जा सकता है।
श्रीमती भाटिया ने कहा कि किसी भी हादसे के लिए तीन चीजें जरूरी होती हैं – एक अपराधी, दूसरा शिकार और तीसरा मौका। इनमें से अगर एक भी न हो तो हादसा नहीं होता। इनमें सबसे आसान लेकिन जरूरी है मौका देने से बचना। इसके बाद आता है, खुद को शिकार बनने से रोकना और अपराधी से इस अवसर पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की पैनल अधिवक्ता भानु प्रिया शर्मा, एएसआई बलदेव सिंह व उसकी टीम, महिला कांस्टेबल दीपक कुमारी उपस्थित थी।