- मुख्य चौपाल पर सांस्कृतिक संध्या में संगीतकार पापोन के गीतों पर देर रात तक झूमे दर्शक
- 38 वें सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय शिल्प मेले की शाम विख्यात कलाकारों और संगीतकारों के नाम
सूरजकुंड (फरीदाबाद), 13 फरवरी।
तू जो मिला…हो गया सब हासिल… गीत जैसे ही मुख्य चौपाल से शुरू किया पूरा मेला परिसर पापोन-पापोन के नाम से झूम उठा। विश्व विख्यात संगीतकार अंगाराग महंत, जिन्हें मुख्यत: उनके उपनाम पापोन के नाम से जाना जाता है, ने बुधवार की देर शाम 38 वें सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय शिल्प मेला परिसर को अपने सुरों की ताल से संगीतमय बना दिया।
कला एवं संस्कृति विभाग, हरियाणा व पर्यटन निगम हरियाणा के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित 38वें सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय शिल्प मेला की हर संध्या को शानदार बनाने के लिए सांस्कृतिक संध्या कार्यक्रमों का आयोजन निरंतर किया जा रहा है। इसमें हर रोज देश के प्रसिद्ध कलाकारों द्वारा दी जा रही प्रस्तुतियां-दर्शकों को खूब लुभा रही हैं। इसी कड़ी में बुधवार को सांस्कृतिक संध्या में विख्यात संगीतकार पापोन ने अपनी गायकी से देर रात तक समां बांधे रखा। इस बीच उन्होंने दर्शकों को बताया कि वे अपने आप को सौभाग्यशाली मानते हैं कि हरियाणा सरकार द्वारा उन्हें इस अंतरराष्ट्रीय मेले में शो के लिए आमंत्रित किया गया। इसके लिए वे हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी और विरासत एवं पर्यटन मंत्री डॉ अरविंद कुमार शर्मा का धन्यवाद व्यक्त करते हैं।
गायकार पापोन ने अपने संगीत से ऐसा रंग जमाया की सभी दर्शक देर-रात तक झूमते रहे। संगीतकार पापोन और उनकी टीम ने …लग जा गले की फिर हंसी रात हो ना हो, अजीब दास्तां है ये…कहां शुरू कहां खत्म, तू बोले तो मैं बन जाऊं बुल्ले- शाह सरदाई, तेरा साथ है हाथों में हाथ है फूलों सा दिन मेरा खुशबू सी रात है, यह मोह-मोह के धागे तेरी उंगलियों से जा उलझे, एक अजनबी हसीना से… यूं मुलाकात हो गई और पहला नशा पहला खुमार… नया प्यार- है नया इंतजार जैसे एक से एक बेहतरीन गीतों से देर रात तक समां बांधे रखा। इस अवसर पर हरियाणा पर्यटन निगम के एमडी डा.सुनील कुमार, जीएम आशुतोष राजन सहित अन्य अधिकारीगण व काफी संख्या में दर्शक मौजूद रहे।