फरीदाबाद, 22 नवंबर: मानव रचना इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ रिसर्च एंड स्टडीज के फैकल्टी ऑफ मीडिया स्टडीज के डिपार्टमेंट ऑफ जर्नलिज्म एंड मास कम्यूनिकेशन की ओर से ‘मोन्टाज-2021’ ऑनलाइन नेशनल फिल्म फेस्टिवल और सिनेमा एवं टीवी पर कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया। दो दिवसीय इस कार्यक्रम में देशभर की 15 यूनिवर्सिटी से करीब 100 लोगों ने हिस्सा लिया।
कार्यक्रम की शुरुआत में एमआरआईआईआरएस के वीसी डॉ. संजय श्रीवास्तव ने कहा, इस तरह के कार्यक्रमों से छात्रों को नया सीखने और करने को मिलता है।
कार्यक्रम में शामिल माखनलाल चतुर्वेदी यूनिवर्सिटी के वीसी प्रोफेसर केजी सुरेश ने फिल्मों की जरूरत और कैसे टीवी सीरियल घरों का हिस्सा बने इस पर छात्रों से अपने विचार साझा किए। डॉ. अनामिका मेमोरियल ट्रस्ट के मैनेजिंग ट्रस्टी डॉ. अंकुरन दत्ता ने फिल्मों में शोध और फिल्म अध्ययन के लिए एक स्वतंत्र संस्थान की आवश्यकता पर अपने विचार साझा किए।
छात्रों के लिए ‘डॉक्यूमेंट्री फॉर्म्स और प्रोक्टिसिस’ पर यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया की प्रोफेसर डॉ. अपर्णा द्वारा मास्टर क्लास दी गई।
नेशनल फिल्म फेस्टिवल में ये रहे विजेता
· पहला पुरस्कार- फिल्म अकाल बोधन, जेवियर्स स्कूल ऑफ कम्यूनिकेशन, भुवनेश्वर
· दूसरा पुरस्कार- फिल्म चांदनी चौक: कल, आज और कल, एमआरआईआईआरएस
· तीसरा पुरस्कार (दो लोगों को दिया गया)- फिल्म किकिंग असाइड जेंडर नॉर्म्स, प्लान इंडिया एनजीओ और फिल्म कोथाई, सीकॉम स्किल्स यूनिवर्सिटी, शांतिनिकेतन, वेस्ट बंगाल
· बेस्ट फिल्म (क्रिटिक)- An Engimatic Journey Thamma , जेवियर्स स्कूल ऑफ कम्युनिकेशन, भुवनेश्वर
इस दौरान सोशल मीडिया पर फ्रीडम ऑफ स्पीच एंड एक्सप्रेशन जैसे विभिन्न विषयों पर पंद्रह पेपर प्रस्तुत किए गए: ई कंटेंट पर नियोजन की आवश्यकता को समझना, टीवी न्यूज की बदलती भाषा, पंजाबी फिल्म उद्योग में ओटीटी प्लेटफॉर्म का प्रभाव, तेलुगु सिनेमा में पुरुषों का स्टीरियोटाइपिकल चित्रण पर चर्चा की गई।
कार्यक्रम में पीआरफॉरयू के फाउंडिंग डायरेक्टर सुरेश गौर, आईडीपीए के अध्यक्ष प्रोफेसर आदित्य सेठ, निफ्ट की असिस्टेंट प्रोफेसर (डॉ.) शिखा शर्मा, एसएनडीटी यूनिवर्सिटी के रोहित पंवार, फैकल्टी ऑफ मीडिया स्टडीज एंड ह्यूमैनिटीज की डीन प्रोफेसर मैथिली गंजू, एचओडी अमन वत्स समेत फैकल्टी मेंबर्स और छात्र मौजूद रहे।