Faridabad News, 27 Aug 2020 : आत्मनिर्भर भारत की प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अपील के क्रम में केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग तथा रेलमंत्री पीयूष गोयल ने (ससटेनेबल एनर्जी फॉर ऑलकी सीईओ और संयुक्त राष्ट्र के महा सचिव की प्रतिनिधि तथा यूएन एनर्जी की सह अध्यक्ष, डमिलोला ओगुनबियी तथा नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार के साथ मिलकर पावरिंग लाइवलीहुड्स को लांच किया पावरिंग लाइवलीहुड्स काउंसिल ऑन एनर्जी, एनवायरमेंट एंड वाटर (सीईईडब्ल्यू) और विलग्रो इनोवेशंस फाउंडेशन की पहल है, जिसका मुख्य लक्ष्य भारत की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को तेज और दुरुस्त करना है 22 करोड़ रुपए की यह पहल स्वच्छ ऊर्जा आधारित आजीविका समाधानों पर काम करने वाले भारतीय उपक्रमों को पूंजी और तकनीकी सहायता मुहैया कराने वाली है। इस पहल ने अभी हाल में छह चुने हुए उपक्रमों को कुल मिलाकर एक करोड़ रुपए की फंडिंग की पेशकश की है ताकि कोविड-19 के कारण आए संकट से निपटने में सहायता हो सकें। आज लांच के मौके पर जिन छह अहम उपक्रमों की घोषणा हुई उनमें रेशम सूत्र, ग्रीनवीयर फैशन, धरमबीर फूड प्रोसेसिंग, खेथ वर्क्स, देवीदयाल सोलर सोल्यूशंस और हाइड्रोग्रीन्स एग्री सोल्यूशंस शामिल हैं वैसे तो ये उपक्रम क्रम से दिल्ली, लखनऊ, यमुनानगर, पुणे, मुंबई और बेंगलुरु में हैं पर इनके ग्राहक देश भर में फैले हुए हैं चुने हुए उपक्रम विभिन्न प्रकार के सोलर पावर्ड (सौर ऊर्जा से चलने वाले) आजीविका समाधान तैनात कर रहे हैं इनमें पानी के पंप, बहुद्देश्यीय फूड प्रोसेसर, व्यावसायिक रेफ्रीजरेटर और टेक्सटाइल मशीनरी (लच्छा बनाना, कताई, बुनाई) शामिल हैं।
छह उपक्रमों में से दो, धरमबीर फूड प्रोसेसिंग और ग्रीनवीयर फैशन ने भी कोविड-19 महामारी के प्रति भारत के जवाब में योगदान किया है। इनमें धरमबीर फूड प्रोसेसिंग हैंड सैनिटाइजर बनाने के लिए एलो वेरा जेल मुहैया कराता रहा है जबकि ग्रीनवीयर ने उत्तर प्रदेश में कॉरपोरेट और स्थानीय सरकारी विभागों को दोबारा उपयोग करने योग्य 400,000 सूती मास्क दिए हैं। ये उपक्रम सामूहिक तौर पर ग्रामीण भारत में पुरुषों और महिलाओं के लिए 10 लाख से अधिक नए रोजगार अवसर पैदा करने की क्षमता रखते हैं। इस पहल में उपक्रमों को ऐसी रणनीति अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है जिससे पूरी मूल्य श्रृंखला में महिलाओं की भागीदारी बढ़े। पावरिंग लाइवलीहुड को इस समय आईकिया फाउंडेशन; शेल फाउंडेशन, डीएफआईडी (यूके सरकार) ; गुड एनर्जीज़ फाउंडेशन और डीओईएन फाउंडेशन का समर्थन है। 15 निवेशक और फाइनेंसर भी इस पहल से जुड़े हैं। इनमें अक्युमन, बियॉन्ड कैपिटल फंड, कैस्पियन डेट और उपाय सोशल वेंचर्स शामिल हैं। लांच के मौके पर केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग तथा रेलमंत्री श्री पीयूष गोयल ने कहा, “राष्ट्र की सेवा में 10 साल पूरे करने के लिए मैं सीईईडब्लू की सराहना करना चाहूंगा। सीईईवी जैसी संस्थाएं देश को स्वच्छ ऊर्जा की दिशा में आगे बढ़ने में मदद कर रही हैं। भारत स्वच्छ और नवीकरणीय ऊर्जा का उपयोग करने में तेजी से प्रगति कर रहा है। हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि आधुनिक तकनीक के ज़रिये कैसे हम गांवों में रोजगार के अवसर बढ़ा सकते हैं और उनकी आजीविका में सुधार कर सकते हैं। मैं सीईईडब्लू और विल्ग्रो को उनकी पहल ‘पॉवरिंग लिवलीहुड’ के लिए भी बधाई देता हूं. ये पहल गॉंवों के विकास की दिशा में सराहनीय प्रयास है। यह पहल प्रधानमंत्री के ‘वोकल फॉर लोकल’ के आव्हान को भी पूरा कर सकती है और स्थानीय उत्पादों को वैश्विक स्तर पर ले जाने में मदद कर सकती है। मुझे विश्वास है कि नवप्रवर्तनकर्ताओं और स्टार्टअप्स, उद्योग और सरकार के सामूहिक कार्य से लोगों की आजीविका में सुधार होगा।”
इस मौके पर राजीव कुमार, माननीय उपाध्यक्ष नीति आयोग ने कहा, ““मैं इस उल्लेखनीय उपलब्धि के लिए CEEW को बधाई देना चाहूंगा कि छह उपक्रमों के लिए 22 करोड़ रुपये जुटाने में मदद की। नीति आयोग के जनादेश में से एक इनोवेशन भी है, और मुझे खुशी है कि आपकी पहल ‘पॉवरिंग लाइवलीहुड्स’ ऐसे अभिनव उद्यमों का समर्थन कर रही है। ग्रामीण भारत में 3.5 करोड़ से अधिक सूक्ष्म उद्यमी हैं, इन उद्मियों में भारत के विकास में योगदान देने की बड़ी क्षमताएं हैं । अपनी क्षमता के बावजूद, वे बुनियादी ढांचे और ऋण जैसी कुछ बाधाओं के कारण पीड़ित हैं जो इनके विकास में बाधा डालती है। हम आत्मनिर्भर भारत के लिए प्रतिबद्ध हैं और ‘पॉवरिंग लाइवलीहुड्स’ कार्यक्रम ग्रामीण सूक्ष्म उद्यमियों के विकास के लिए प्रमुख बाधाओं को दूर करके और पेट्रोलियम और इसके आयात की हमारी आवश्यकता को कम करके निश्चित रूप से आत्मनिर्भर भारत की दिशा में सार्थक योगदान देगा।” रेशम सूत्र के संस्थापक कुणाल वैद ने कहा, “पावरिंग लाइवलीहुड्स का भाग बनकर हम बहुत उत्साहित महसूस कर रहे हैं। ग्रामीण भारत में डेढ़ करोड़ से ज्यादा बेरोजगार या अर्धबेरोजगार महिलाएं हैं। इस पहल से हमें बाजार का विस्तार करने तथा गरीबों में सबसे गरीब को आजीविका मुहैया कराने में सहायता मिलेगी। हमारे लिए यह एक ऐसा मौका है जब हम ग्रामीण ग्राहक को प्रभावित करने के लिए स्थायित्व, किफायत और प्रदर्शन तीनों का लाभ दे सकते हैं।” सीईईडब्ल्यू में इस पहल का नेतृत्व कर रहे अभिषक जैन ने कहा, “पावरिंग लाइवलीहुड ग्रामीण भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रतिबद्ध है और इसके लिए रोजगार के नए मौके बनाएगा। खासकर महिलाओं के लिए और उन्हें ग्रामीण आय बढ़ाने में सहायता करने के लिए। पावरिंग लाइवलीहुड के तहत हम स्वच्छ ऊर्जा आधारित आजीविका क्षेत्र के उपक्रमों की सहायता करेंगे ताकि फाइनेंसर्स, निवेशक और नीति निर्माताओं से बेहतर सहायता प्राप्त कर सकें। इससे उन्हें सार्थक प्रभाव हासिल करने और विस्तार करने में सहायता मिलेगी।”
विलग्रो में इस पहल का नेतृत्व कर रहे अनंत अरावमुदन ने कहा, “कोविड के बाद भारत जब अपनी ग्रामीण अर्थव्यवस्था का पुनर्निर्माण करेगा, पावरिंग लाइवलीहुड्स इस बात के सबूत मुहैया कराएगा कि नए रोजगार के अवसर पैदा किए जा सकें और ग्रामीण समुदायों को स्वच्छ उर्जा के उपयोग से सशक्त बनाया जा सके।” भारत में 40 लाख से ज्यादा माइक्रोएंटरप्राइजेज कहते हैं कि उनके कारोबार के लिए सबसे बड़ी बाधा बिजली की कमी है। दूसरी ओर, आजीविका के लिए स्वच्छ ऊर्जा की कोई 60 नवीनताएं मौजूद हैं जमीन पर उनकी तैनाती हद से हद कुछ सौ में सीमित हैं। भारत में स्वच्छ ऊर्जा से चलने वाले आजीविका स्रोतों का बाजार 3.7 लाख करोड़ करोड़ रुपए (50 बिलियन अमेरिकी डॉलर) का है। पावरिंग लाइवलीहुड्स इन समाधानों की व्यावसायिक तैनाती को संभव करके इस क्षेत्र के लिए वित्त, निवेश और नीतिगत सहायता की कमी को समाप्त करना चाहता है। पावरिंग लाइवलीहुड्स के बारे मेंसीईईडब्ल्यू-विलग्रो की एक पहल, पावरिंग लाइवलीहुड्स (Powering Livelihoods) का लक्ष्य आजीविका चलाने वाले स्वच्छ स्वच्छ ऊर्जा से चलने वाले उपकरणों की पहुंच बढ़ाना और उनके माध्यम से भारत की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देना है। इस पहल के तहत तीन साल में छह उपक्रमों की सहायता की जाएगी ताकि वे अपने समाधानों को बड़े पैमाने पर व्यावसायिक प्रसार के लिए काम करें और इससे प्राप्त सबूत का उपयोग इस क्षेत्र को प्रेरित करने के लिए करें। इस पहल के तहत स्पष्ट वित्तीय और तकनीकी सहायता दी जाती है ताकि स्वच्छ ऊर्जा का लाभ आजीविका के मामले में महिलाओं को भी मिले। पावरिंग लाइवलीहुड्स के बारे में ज्यादा जानकारी यहां (here) देखें। छह उपक्रमों के बारे मेंरेशम सूत्र (दिल्ली) के बारे मेंरेशम सूत्र ग्रामीण टेक्सटाइल उत्पादन मूल्य श्रृंखला के लिए सौर ऊर्जा से चलने वाली मशीने मुहैया कराता है – इनसे मुख्य रूप से महिलाओं के लिए आजीविका के मौके मुहैया होते हैं। इन लोगों ने भिन्न गतिविधियों के लिए नौ भिन्न मशीनों का व्यावसायीकरण किया है। इनमें सिल्क का धागा तैयार करना और उससे बुनाई शामिल है।
ग्रीनवीयर फैशन (लखनऊ, उत्तर प्रदेश) ग्रीनवीयर अक्षय ऊर्जा आधारित फैब्रिक्स और परिधान के विकेंद्रित निर्माण और बिक्री के काम करता है। यह संस्थान इस समय ~1700 शिल्पकारों की सहायता करता है जिनमें अधिकतर महिलाएं हैं। कोविड-19 महामारी से निपटने के लिए के लिए ग्रीनवीयर ने उत्तर प्रदेश के लखनऊ में कॉरपोरेट्स और सरकारी विभागों में 400,000 से ज्यादा सूती मास्क की सप्लाई की है। इन्हें धोकर इनका दोबारा उपयोग किया जा सकता है। धरमबीर फूड प्रोसेसिंग (यमुना नगर, हरियाणा) धरमबीर एक कौमपैक्ट और पोर्टेबल खाद्य प्रसंस्करण मशीन मुहैया कराता है। यह मशीन कई तरह के काम कर सकती है, जैसे काटना, जूस निकालना, गर्म करना, फलों के अर्क निकालना, जड़ी बूटियां निकालना, औषधीय पौधे निकालना और बीज निकालना। महामारी के मद्देनजर धरमबीर फूड प्रोसेसिंग हैंड सैनिटाइजर बनाने के लिए सैनिटाइजर निर्माताओं और गन्ना मिलों को एलो वेरा जेल मुहैया कराता रहा है। खेथ वर्क्स (पुणे, महाराष्ट्र)खेथ वर्क्स सीमांत किसानों को माइक्रोसोलर पंप मुहैया कराता है। सौर ऊर्जा से चलने वाला यह पंप कार्यकुशल, पोर्टेबल और खुले कुंए में काम करने वाला सबमर्सिबल पंप है। देवीदयाल सोलर सोल्यूशंस (मुंबई, महाराष्ट्र)देवीदयाल सोलर सोल्यूशंस ऊर्जा कुशल डीसी रेफ्रीजरेटर और डीप फ्रीजर मुहैया कराता है।
इसका उपयोग कुदरा बिक्री, रेस्त्रां, मछलीपालन और हेल्थकेयर के लिए किया जा सकता है। हाइड्रोग्रीन्स एग्री सोल्यूशंस (बेंगलुरू, कर्नाटक)हाइड्रोग्रीन्स कम लागत वाला जलवायु नियंत्रित चारा पैदा करने वाला स्टेशन मुहैया कराता है जो 50°सेल्सियस तापमान में आधे बाल्टी पानी से काम कर सकती है। यह उत्पाद कम काम वाले समय में अन्य चीजें जैसे मशरूम और जड़ी बूटियां उपजाने की संभावना भी देता है।