Faridabad News, 10 March 2019 : युनिवर्सल अस्पताल के डा. शैलेश जैन ने एक बार फिर एक व्यक्ति की टांग को कटने से बचाया और उसका बेहतर ईलाज करके आज उसको उसके पैरो पर चलने के लायक किया। इस बात की जानकारी देते हुए स्वयं मरीज खेम सिंह निवासी अशोका इन्कलेव ने बताया कि उसके पैर में ठंडा और सुन्न रहने की शिकायत थी जिसको उसने विभिन्न अस्पतालो में दिखाया जहां के डाक्टरो ने उसको पैर काटने की सलाह दी जिस पर वह घबरा गया और वह फरीदाबाद आया जहां उसे किसी ने डा. शैलेश जैन व डा. रीति अग्रवाल के बारे में बताया।
मरीज खेम सिंह ने बताया कि वह एक दिन डा. शैलेश जैन व रिति अग्रवाल से मिलने आया और अपनी बीमारी के बारे में उन्हें विस्तृत से जानकारी दी जिस पर डा. शैलेश जैन ने कहा कि आपका पैर जैसा है वैसा ही रहेगा इसको काटने की जरूरत नहीं है हम इसका बेहतर ट्रीटमेंट करेंगे और आप पहले जैसे हो जाओगे जिस पर खेम सिंह ने संतोष जताया और अगले दिन उसका ईलाज आरंभ कर दिया गया।
खेम सिंह ने बताया कि उसे हृदय एवं नाडी रोग विशेष डा. शैलेश जैन से मिलने पर उसे राहत मिल गयी। डा. शैलेश जैन ने बताया कि खेम सिंह के पैर काला पडने लगा था। और खेम सिंह इस बीमारी के इलाज के लिए जगह जगह कई डाक्टरों से मिला लेकिन उसे कोई फायदा नहीं हुआ। खेम सिंह बाद में इस बीमारी के इलाज के लिए उनसे मिला। डा. शैलेश जैन ने जांच के बाद पाया कि खेम के पैर की पेटवाहिनी में ब्लोकेज आ जाती है। मरीज केा शुरू में दो सौ मीटर चलने पर पैरो में दर्द शुरू हो जाता था। फिर बैठे बैठे दर्द होने लगता था। डा. जैन ने बताया कि खेम सिंह जब उनके पास आया था उस समय उसके पैर की उंगली काली पडना शुरू हो गयी थी हर जगह उसे उंगली काटने की सलाह दी गयी।
उन्होने बतायाकि चूकि रक्त वाहिनी का आकार छोटा होने की वजह से आपरेशन की कामयाबी की संभावना कम थी। खेम सिंह को स्टेम् सैल थेरेपी की सलाह दी गयी। मरीज के कुल्हो की हडउी से स्टेम् सैल निकाल कर प्रोसेरा कर जहां जहां पर रक्तवाहिनी में ब्लोकेज की उपस्ाििति समझते हुउ उसे इंजेक्ट किया गया। डा् जैन ने बताया कि खेम के पैर का दर्द खत्म हो गया है। उसके पैरो की उंगली का कालापन खत्म हो गया है। उन्होने बताया कि इस बीमारी में स्टैम सैल थेरेपी आधुनिक ईलाज है जिसका लाभ अवश्य ही मरीज को मिलता है।
डा. शैलेश जैन ने कहा कि हर बीमारी का ईलाज है अगर वह समय रहते हो जाये। उन्होंने कहा कि यूनिवर्सल अस्पताल में यह पहला केस नहीं इससे पहले भी हमारे द्वारा कई ऐसे मरीजों को चंगा किया गया है।