फरीदाबाद, 21 अप्रैल 2022- हरियाणा के राज्यपाल श्री बंडारू दत्तात्रेय ने आज विश्वविद्यालयों से इनोवेशन, इनक्यूबेशन, स्किल डेवलपमेंट और उद्यमशीलता (एंटरप्रेन्योरशिप) पर विशेष ध्यान देने का आह्वान किया और कहा कि ये ऐसे क्षेत्र हैं जहां के विश्वविद्यालयों को काम करना चाहिए और उनसे अपेक्षाएं की जाती है।
राज्यपाल श्री बंडारू दत्तात्रेय जोकि जे.सी बोस विज्ञान और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, वाईएमसीए, फरीदाबाद के कुलाधिपति भी हैं, आज विश्वविद्यालय की कोर्ट की 10वीं बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। बैठक में कुलपति प्रो. एस. के. तोमर, कुलसचिव डॉ. एस.के. गर्ग के अलावा सभी डीन, चेयरपर्सन और विश्वविद्यालय कोर्ट के सदस्य उपस्थित थे।
राज्यपाल ने कहा कि विश्वविद्यालयों को उभरती प्रौद्योगिकियों और युवाओं के कौशल विकास पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईटोटी), ब्लॉकचेन, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, क्लाउड कंप्यूटिंग और साइबर सुरक्षा ऐसे उभरते क्षेत्र हैं जहां पर खास ध्यान देने की आवश्यकता है।
उन्होंने विश्वविद्यालयों से छात्रों में उद्यमशीलता कौशल को बढ़ावा देने का भी आह्वान करते हुए कहा कि विश्वविद्यालय छात्रों से अभिनव एवं नए विचार उभरने चाहिए। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय को 30 से 40 प्रतिशत छात्रों को रोजगार के बजाय उद्यमिता को करियर के रूप में अपनाने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए। उन्होंने विश्वविद्यालयों से अनुसंधान और नवाचार गतिविधियों में अपने बजटीय आवंटन को बढ़ाने का भी सुझाव दिया।
हरियाणा के राज्यपाल ने विश्वविद्यालय को अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग सहित समाज के कमजोर वर्गों के छात्रों पर एक मूल्यांकन रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा। उन्होंने कहा कि ऐसे छात्र हो सकते हैं जो कमजोर वर्ग या ग्रामीण पृष्ठभूमि से आते हो और हीन भावना के कारण पढ़ाई में पिछड़ रहे हैं। ऐसे छात्रों पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि छात्रों ने कोरोना महामारी में दो बहुमूल्य वर्ष खो दिये हैं। विश्वविद्यालय को विशेष कक्षाएं संचालित करके उन वर्षों को कवर करने की भी योजना बनानी चाहिए। जिस पर कुलपति प्रो. एस. के. तोमर ने राज्यपाल को अवगत कराया कि विश्वविद्यालय पहले से ही सभी छात्रों के लिए समय-समय पर विशेष कक्षाएं संचालित कर रहा है।
राज्यपाल ने विश्वविद्यालय से कमजोर वर्गों के छात्रों का मूल्यांकन करने के निर्देश देते हुए कहा कि ऐसे छात्रों के लिए विश्वविद्यालय क्या कर सकता है, इस पर विश्वविद्यालय एक रिपोर्ट प्रस्तुत करें। उन्होंने भविष्य में रोजगार के लिए उभरती प्रौद्योगिकियों पर भी विश्वविद्यालय से एक रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा। उन्होंने कहा कि ऐसे कई उभरते क्षेत्र हैं जहां रोजगार की मांग मौजूद है लेकिन कौशल की कमी है। इस कमी को पूरा करने के लिए विश्वविद्यालय क्या कर सकते है, इस पर विश्वविद्यालय एक रिपोर्ट प्रस्तुत करें।
उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालयों से परिणाम की उम्मीद है और ऐसे परिणाम धरातल पर दिखाई देने चाहिए। राज्यपाल ने जे.सी. विश्वविद्यालय को औद्योगिक केंद्र फरीदाबाद में अपनी अवस्थिति का लाभ उठाने का भी सुझाव दिया और कहा कि विश्वविद्यालय को उद्योग लिंकेज को बढ़ावा देना चाहिए।
बैठक के दौरान कुलपति प्रो. एस. के. तोमर ने विश्वविद्यालय के शैक्षणिक विकास पर एक संक्षिप्त प्रगति रिपोर्ट दी और अवगत कराया कि विश्वविद्यालय अनुसंधान और विकास गतिविधियों पर विशेष ध्यान दे रहा है। उन्होंने यह भी बताया कि विश्वविद्यालय की मेजर डिग्री के साथ-साथ कौशल आधारित माइनर डिग्री पाठ्यक्रम शुरू करने की योजना है। इसके साथ ही विश्वविद्यालय की अगले सत्र से ड्रोन रोधी तकनीक और सामाजिक समरसता जैसे पाठ्यक्रम भी शुरू करने की भी योजना है।
बैठक में वर्ष 2020-21 की वार्षिक रिपोर्ट एवं वार्षिक लेखा तथा वर्ष 2022-23 के बजट अनुमानों को अनुमोदित किया गया। अंत में कुलसचिव डॉ. एस. के. गर्ग ने धन्यवाद ज्ञापित किया। इससे पहले श्री दत्तात्रेय का विश्वविद्यालय पहुंचने पर गर्मजोशी से स्वागत किया गया। राज्यपाल को विश्वविद्यालय परिसर में जिला पुलिस प्रशासन द्वारा गार्ड ऑफ ऑनर भी दिया गया।