विश्वविद्यालय ने एमएबी सिविल टेक्नोलॉजीज एंड कंसल्टेंट्स प्राइवेट लिमिटेड के साथ किया समझौता

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Faridabad News, 23 Nov 2020 : सिविल इंजीनियरिंग विभिन्न परियोजनाओं के लिए निर्माण जांच एवं प्रयोगशाला परीक्षण सुविधाएं तथा परामर्श सेवाएं प्रदान करने के उद्देश्य से जे.सी. बोस विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, वाईएमसीए, फरीदाबाद ने एमएबी सिविल टेक्नोलॉजीज एंड कंसल्टेंट्स प्राइवेट लिमिटेड के साथ आज एक समझौते पर हस्ताक्षर किये। एमएबी सिविल टेक्नोलॉजीज एंड कंसल्टेंट्स प्राइवेट लिमिटेड के साथ सहयोग विश्वविद्यालय को परियोजना परामर्श सेवाओं के माध्यम से अपने संसाधन जुटाने के लिए व्यवस्थित तंत्र (इको-सिस्टम) विकसित करने में मदद करेगा।

इस समझौते पर जे.सी. बोस विश्वविद्यालय की ओर से कुलसचिव डॉ. एस. के. गर्ग तथा एमएबी सिविल टेक्नोलॉजीज एंड कंसल्टेंट्स प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री एच.पी. गुप्ता ने कुलपति प्रो. दिनेश कुमार की उपस्थिति में हस्ताक्षर किये। इस अवसर पर सिविल इंजीनियरिंग के विभागाध्यक्ष प्रो. एम.एल. अग्रवाल, इंडियन बिल्डिंग कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रदीप मित्तल और निदेशक इंडस्ट्री रिलेशन्स डॉ. रश्मि पोपली और सिविल इंजीनियरिंग विभाग के संकाय सदस्य भी उपस्थित थे।

औद्योगिक सहयोग पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए, कुलपति प्रो. दिनेश कुमार ने कहा कि यह समझौता विश्वविद्यालय को निर्माण जांच एवं प्रयोगशाला परीक्षण सुविधाएं तथा परामर्श सेवाएं प्रदान करने के दृष्टिगत जरूरी कौशल और प्रशिक्षण में मदद करेगा। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय को फरीदाबाद की औद्योगिक टाउनशिप के केंद्र में होने का रणनीतिक लाभ है, जिस कारण उद्योगों से कंसल्टेंसी प्रोजेक्ट हासिल करने की बहुत संभावनाएं है। इसलिए, विश्वविद्यालय इस दिशा में काम कर रहा है ताकि ऐसी औद्योगिक सहभागिता को बढ़ावा देकर इन अवसरों का लाभ उठाया जा सके।

कुलपति ने सिविल इंजीनियरिंग संकाय सदस्यों को फरीदाबाद-गुरुग्राम सड़क मार्ग पर ग्राम भांकरी में विकसित किये जाने वाले दूसरे परिसर के लिए डिजाइन तथा भौतिक संरचना योजना तैयार करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय द्वारा नये कैंपस में सभी प्रकार की अत्याधुनिक सुविधाएं प्रदान करने के प्रयास किये जायेंगे। कुलपति ने अनुसंधान और सहयोगात्मक परियोजनाओं के लिए अत्याधुनिक प्रयोगशाला सुविधाएं विकसित करने की आवश्यकता पर बल दिया।

प्रो. एम. एल. अग्रवाल ने कुलपति को अवगत कराया कि समझौते के तहत कंपनी द्वारा विश्वविद्यालय में निर्माण जांच और परीक्षण प्रयोगशाला स्थापित की जायेगी तथा लाभ-साझेदारी में संयुक्त परामर्शी परियोजना पर काम करेगी। कंपनी विद्यार्थियों को प्रशिक्षण और प्लेसमेंट में सहयोग देगी तथा प्रशिक्षण एवं शैक्षणिक सेमिनार आयोजित करेगी। इसके अलावा, सिविल इंजीनियरिंग के विद्यार्थियों को परियोजनाओं का दौरा, प्रशिक्षण तथा काम करने का अवसर भी प्रदान किया जायेगा।

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