फरीदाबाद, 27 अक्टूबर। हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने आपराधिक घटनाओं पर रोक के लिए वैज्ञानिक दृष्टिकोण अपनाने पर बल देते हुए कहा कि फेस व बायोमीट्रिक रिकॉग्निशन के साथ-साथ अब वॉयस रिकाग्मिशन पर भी काम करना चाहिए। गुजरात में खुली फॉरेंसिक यूनिवर्सिटी का विस्तार हरियाणा सहित अन्य राज्यों में भी होना चाहिए ताकि अपराधियों की गिरफ्तारी व उन्हें सजा दिलाने के कार्य में आसानी हो। उन्होंने यह बात गुरुवार को सूरजकुंड में केंद्रीय गृह मंत्री मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में आरंभ दो दिवसीय चिंतन शिविर के पहले दिन अपने संबोधन में कही।
केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह का सूरजकुंड पहुंचने पर मेजबान राज्य के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने स्वागत करते हुए कहा कि सूचना प्रौद्योगिकी के बढ़ते इस्तेमाल से कानून व्यवस्था के समक्ष आने वाली चुनौतियों से निपटने के लिए केंद्र सरकार का यह एक सराहनीय प्रयास है। केंद्र और राज्य आपस में बैठकर दो दिन तक यहां कानून व्यवस्था बनाए रखने व आपराधिक घटनाओं पर नियंत्रण को लेकर आपसी संवाद करेंगे। उन्होंने दो दिवसीय चिंतन शिविर में विभिन्न राज्यों के राज्यपाल, मुख्यमंत्री, गृह मंत्री व डेलिगेट्स का भी स्वागत किया।
श्री मनोहर लाल ने कहा कि समय के साथ तकनीक के बढ़ते इस्तेमाल से अपराधी अपनी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए नए-नए तरीके अपनाने लगे है। हरियाणा सरकार ने भी राज्य की पुलिस को तकनीकी रूप से दक्ष बनाने के कार्य किए है। कई बार ऐसा देखने को भी मिला कि अपराधियों ने फर्जी दस्तावेज तैयार कराकर दूसरे नाम से पासपोर्ट भी तैयार करवा लिए लेकिन पुलिस ने आगे बढक़र ऐसे 250 लोगों को चिन्हित किया। जिनमें से 126 को गिरफ्तार भी किया गया और शेष मामलों ने तेजी से जांच भी जारी है।
उन्होंने कहा कि आपराधिक घटनाओं पर रोक व अपराधियों की धरपकड़ के लिए हरियाणा सहित देश के राज्यों को आपस में एक साझा सहमति पत्र (एमओयू) पर काम करने का भी सुझाव दिया। जिससे विभिन्न अपराधों में संलिप्त लोगों की गतिविधियों व अन्य महत्वपूर्ण सूचनाओं का डेटा शेयर हो। जिससे अपराधियों को गिरफ्तार करने व सजा दिलाने में आसानी हो। उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा में राज्यों की भूमिका को लेकर नवीनतम तकनीकों, फोरेंसिक साइंस व आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को लेकर महत्वपूर्ण सुझाव दिए।