अपना घर में देखें समृद्ध हरियाणवी धरोहर

0
3361
Spread the love
Spread the love

Faridabad/ Surajkund News : सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय हस्तशिल्प मेले में कृषि प्रधान प्रदेश के अपना घर में सांस्कृतिक धरोहर के नमूने देखे जा सकते हैं। तकनीक व आधुनिकता के इस दौर में पुरानी परंपराएं और मान्यताएं कायम हैं। मेला के अपना घर में ऐसी ही एक मान्यता दादा खेड़ा से जुड़ी है। लोगों का विश्वास है कि प्रदेश के हर गांव को दादा खेड़ा आपदा से बचाता चला आ रहा है। ऐसे ही कृषि यंत्र भी अपना घर में रखे गए हैं।

मेले में आने वाले दर्शक जब अपना घर में प्रवेश करते हैं तो यहां रखा गया छोटा सा गुंबदनुमा मंदिर हर किसी के मन में उत्सुकता पैदा कर देता है। यह दादा खेड़ा यानी ग्राम देवता का ही प्रतिरूप है, जो प्रदेश के हर गांव में आवश्यक रूप से बना होता है। आमतौर पर गांव में दादा खेड़ा के लिए एक जगह निश्चित छोड़ी होती है। वहां दादा खेड़ा का छोटा मंदिर बना होता है। ऐसी मान्यता है कि गांव में कोई भी शुभ कार्य करने से पहले ग्राम देवता की पूजा की जाती है। ग्राम देवता पूरे गांव की आपदाओं और बीमारियों से रक्षा करता है।

सदियों पुरानी यह प्रथा आज भी कायम है। ऐसे ही अपना घर में जुआ बैलगाड़ी, अखाड़ों में प्रयोग होने वाले मुगदर, लोटा तथा बटेऊ गिलास भी देखने को मिल रहा है। गांव में जब दामाद आता है तो इसी बटेऊ गिलास में आज भी दूध परोसे जाने की परंपरा प्रचलित है। मेले के अपना घर में आने पर दर्शकों को धरोहर, हरियाणा के निदेशक डॉ.महा सिंह पूनिया तथा नवयुग आर्ट एंड कल्चर के निदेशक जितेंद्र खट्टक दादा खेड़ा के बारे में जानकारी हासिल देते हैं तो दूसरे प्रदेशों के लोग भी प्रभावित हुए बिना नहीं रह पाते। धरोहर, हरियाणा के निदेशक डॉ.महा सिंह पूनिया बताते हैं कि अपना घर के माध्यम से देश-विदेश से आने वाले दर्शकों को प्रदेश की सांस्कृतिक विरासत को दिखाने का प्रयास कर रहे हैं।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here