Faridabad/ Surajkund News : फरीदाबाद के सूरजकुंड में चल रहे 32वें अंतर्राष्ट्रीय सूरजकुंड षिल्प मेले में बने अपना घर के सामने हरियाणवी हेरीटेज की स्टाॅल टोकरे वाला पर मेला देखने आई महिला द्वारा यह पूछे जाने पर जिला कैथल तहसील पुंडरी गांव हलवाना के हरिकेष कहते हैं कि बहन जी यह टोकरा बेचने के लिए नहीं बल्कि बनते हुए देखने-सीखने के लिए है।
महिला फिर पूछती है कि भईया क्या नाम है आपका? बहन जी हरिकेष नाम है मेरा। हरिकेष भाई कितने का है यह टोकरा? मन्नै आप ताई बताया न बहन जी यो बेचन खातर ना सै। महिला फिर पूछती है कि फिर आप यहां मेले में स्टाल पर बैठकर इसे क्यों बना रहे हो? इस पर षिल्पकार हरिकेष ठेठ हरियाणवी में जवाब देता है कि बहन जी देसा मैं देस हरियाणा, जित दूध दही का खाणा। मैं तो पुरखा की इस विरासत नै आगै बढाण खातर मेले मै टोकरा बनाकै लोगां नै सिखाना चाहूं सूं।
महिला पूछती है कि मेले में टोकरा बनाने से आपको क्या फायदा? हरिकेष का जवाब होता है कि मन्ने फायदा कोनी लेणा मैे तो हरियाणे का नाम मेले में चमकाणा चाहूं सूं। महिला पूछती है कैसे? हरिकेष कहते हैं कि मै ये टोकरे बनाकर मेला में आए लोगां नै यह बताणा चाहू सूं कै जै आदमी के हाथ मै हुनर हो ते वा भूखा नहीं मर सकदा। महिला कहती है कि आप स्किल्ड डवलैपमेंट की बात कर रहे हैं क्या। हां बहन जी या ऐ तो समझाणा चाहूं था मै आपते ताई।
महिला कहती है कि आप हाथ के बहुत अच्छे कारीगर हैं। कितनी सफाई से आप लकडियों को तोड-मरोड कर टोकरों का रूप दे रहे हैं। बहन जी या तो हरियाणा सरकार की मेहरबानी है जिसने हरियाणवी हेरीटेज की ओर तै मेरे ताई मेरे दादा-परदादा की विरासत आप बरगे बडे लोगां ताई पहुंचाण का मौका दिया सै। अर देखियो बहन जी मेला सुथरी ढाल घूमियों मेले मैं सरकार ने बढिया-बढिया चीज ल्या रखी सै आप बरगे मेला देखन आए लोगा खातर। अच्छा भईया धन्यावाद। अच्छा बहन जी राम-राम और महिला मेले में राम-राम का अभिवादन लेकर अगले स्टाल की ओर बढ जाती है।