Faridabad News, 14 April 2019 : इनैलो ज़िला पर कार्यालय जिला अध्यक्ष चौ. देवेन्द्र सिंह चौहान ने डा. भीम राव अम्बेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण करने के उपरांत कहा है कि महापुरुषों की जयंतियां मनाने से हमें व हमारी युवा पीढ़ी को उनके जीवन से जुड़े विभिन्न पहलुओं को जानने व समझने का मौका मिलने के साथ-साथ महापुरुषों के आदर्शों और सिद्धांतों पर चलने की प्रेरणा मिलती है।
उन्होंने कहा कि आज हमें इस बात की आवश्यकता है कि हम जात-पात, उंच-नीच और सांप्रदायिकता के भेदभाव को समाप्त कर व एक भारत-श्रेष्ठ भारतव के लिए मिलकर काम करें, उस महापुरुषों को यही हमारी सच्ची श्रद्धांजलि होगी। उन्होंने कहा कि 1990 में स्व. ताऊ देवी लाल के अथक प्रयासों से डा. भीम राव अम्बेडकर को मरणोउपरांत भारत रत्न दिया गया था और उनकी प्रतिमा भी लोकसभा में लगाई गई थी। इनैलो पार्टी ने हमेशा ऐसे सभी महान पुरूषों को सच्ची श्रद्धांजलि देने का काम किया है। इससे समाज के लोगों में प्रेम और भाईचारे की भावना मजबूत होगी।
जिला प्रचार सचिव प्रेम सिंह धनखड़ ने कहा कि डा. भीम राव अम्बेडकर ने आजादी के आंदोलन में बढ़चढ़ कर भाग लिया और देश के करोड़ों दीन-दुखियों तथा पिछड़ों के कल्याण के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया। बाबा साहेब का व्यक्तित्व सत्य और अहिंसा से ओत-प्रोत था। एक गरीब परिवार में जन्म होने पर भी उन्होंने यह सिद्ध कर दिया कि दृढ़संकल्प, मेहनत और साहस से मनुष्य कठिन से कठिन लक्ष्य को भी प्राप्त कर सकता है। उनका जीवन संघर्षों से भरा हुआ था लेकिन अपने उच्च मनोबल से अंबेडकर जी सामाजिक, राजनैतिक एवं आर्थिक आजादी के प्रबल समर्थक थे। इसलिए वे सिफ कमजोर, पिछड़े और वंचित वर्गों के ही नहीं बल्कि मेहनतकश लोगों के मसीहा थे, जो उनके लिए जीवन भर संघर्ष करते रहे।
इनैलो पार्टी के अनुसूचित जाति के प्रदेश उपाध्यक्ष हनुमान सिंह खींची व जिला संयोजक धर्मेन्द्र कुमार ने डा. भीमराव अम्बेडकर की 128वीं जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित कार्यक्रम में डा. भीम राव अंबेडकर के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि डा. भीमराव अंबेडकर का जन्म 14 अप्रैल 1891 में हुआ था। डा. भीमराव अम्बेडकर हमारे देश के ऐसे महान सपूत थे, जिन्होंने जात-पात और छूआ-छूत की भावना को जड़ से मिटाने का काम किया। उन्होंने पिछड़े लोगों के कल्याण और उत्थान के लिए हमारे सामने जो आदर्श रखे, वे सदैव हमारा मार्गदर्शन करते रहेंगे। बाबा साहेब महान शिक्षाविद, प्रभावशाली वक्ता, योग्य प्रशासक और कुशल राजनेता थे। उनके व्यक्तित्व में मानवता के प्रति प्रेम तथा अन्याय, असमानता और शोषण के विरूद्ध संघर्ष करने की अदभुत क्षमता थी।
उन्होने सभी को शुभ कामनाएं देते हुए कहा कि बाबा साहेब डा. भीम राव अम्बेडकर महान व्यक्तित्व के धनी थे। जिन्होने सभी जाति धर्मों के लिए कार्य किया। उन्होने जो सविधान बनाया वो सभी के लिए बनाया। डा. भीमराव अम्बेडकर द्वारा जो सविधान बनाया गया है उसमें विधायिका, न्यायपालिका व कार्यपालिका तीनो के लिए रूपरेखा तैयार की गई तथा सभी के अधिकार व कर्तव्यों के लिए सविधान का निर्माण किया गया।
उन्होने कहा कि बाबा साहेब की सोच थी कि हम अपने बच्चों विशेषकर अपनी लडकियों को अच्छी शिक्षा दिलायें ताकि राष्ट्र का विकास हो और विश्व की तरक्की हो। उन्होंने कहा कि भाजपा की सरकार अन्तोदय के सिद्धांत पर कार्य कर रही है ताकि समाज की अन्तिम पंक्ति में खडे गरीब व्यक्ति को पूरा लाभ मिले।
उन्होंने कहा कि बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर ने समाज के लिए दीपक का काम किया है। उन्होंने कहा कि बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर के मूल मन्त्र शिक्षित बनों, संगठित रहो और सघर्ष करों का जो नारा है वह हमें शिक्षा ग्रहण करने, आपस में मिलजुल कर रहने के साथ-साथ अपने अधिकारों के लिए सघंर्षरत रहने की प्रेरणा देता है। उन्होने कहा कि आज के दिन डा. भीमराव अम्बेडकर को यही सच्ची श्रंद्धाजंली अर्पित होगी कि हम उनके बताए मार्ग पर चले और संगठित रहकर कार्य करे। उन्होने कहा कि डा. भीमराव अम्बेडकर को यह अच्छे संस्कार उनकों उनके पिता से मिले थे। जिन्होने लोगो के विकास की बात की और जातिवाद व छुआछुत के विरूद्ध कार्य किया।
उन्होंने कहा कि 2 वर्ष 11 माह 18 दिन की अल्प अवधि में एक विस्तृत सविंधान भारत को दिया है जिसके बल पर आज भारत प्रगति कर रहा है। उन्होंने कहा कि सविंधान के सिद्धान्तों के अनुरूप ही आज देश में हर कार्य पर अमल हो रहा है। उन्होंने कहा कि युवा पीढ़ी को डा. भीमराव अम्बेडकर के बताए हुए सिद्धान्तों पर अमल करें ताकि जीवन में सफलता हासिल हो सके। उन्होंने कहा कि डा. भीमराव अम्बेडकर हमेशा कहा करते थे संघर्ष करो, संगठित रहो और शिक्षित बनो, हमें उनके इस मार्ग का अनुसरण करके आगे बढ़ना चाहिए, आज के यही उस महान आत्मा को सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
इस मौके पर जिला अध्यक्ष चौ. देवेन्द्र सिंह चौहान, पवन सिंह रावत, प्रेम सिंह धनखड़, उमेश भाटी, हनुमान सिंह खींची, धर्मेन्द्र कुमार, जीतसिंह डागर, जोगेन्द्र सिंह मलिक, विनोद गोस्वामी, चमन लाल, खेमचंद, संतोष, आरिफ, मान सिंह तंवर, मान सिंह मान, ओमप्रकाश पांचाल, नवाजिश खान रामपाल नरवत, महेश, संदीप, सागर, भानु, जयप्रकाश, सचिन, मोहित इत्यादि मौजूद रहे।