Faridabad News : हरियाणा सरकार गृह विभाग द्वारा जारी अधिसूचना 6 ‘सितंबर, 2011 के तहत व्हिस्ल ब्लोवर, आर.टी.आई एक्टीविस्ट/शिकायतकर्ता/गवाह को गंभीर केस में सुरक्षा प्रदान करने के लिए जिला अधिकारी एवं पुलिस आधिकारी को इस बारे दिशा निर्देश दिए गए है।
व्हिस्ल ब्लोवर, आर.टी.आई एक्टीविस्ट, शिकायतकर्ता/गवाह को गंभीर केस में सुरक्षा प्रदान करने के लिए एक जिला स्तरीय कमेटी का गठन किया जाएगा। कमेटी के चेयरमेन जिला मजिस्ट्रेट होंगे व मेम्बर के तौर पर एस.पी व जिला अटोरनी होंगे।
सुरक्षा प्रदान करने की प्रक्रियाः-
1. गंभीर मामले में सूचना कार्यकर्ताओंध्शिकायतकर्ता या साक्षी, व्हिस्ल ब्लोवर, जिनको जनहित कार्य करने पर मिली हुई धमकी से खतरा है, उनका आवेदन जमा हो सकता है। इस तरह के आवेदन की प्राप्ति पर, जिला स्तर समिति पुलिस आयुक्त/पुलिस अधीक्षक के माध्यम से प्राप्त की जाएगी। कमेटी खतरे की धारणा की जांच करेगा और खतरे का विश्लेषण भी होगा दिए गए आवेदन के बारे में कमेटी आपराधिक जांच विभाग और इस तरह के अन्य संबंधित विभाग, से आवेदन की जांच भी कराएगी।
प्रत्येक तथ्यों और परिस्थितियों के आधार पर खतरे की धारणा का आकलन कर व्हिस्ल ब्लोअर इत्यादि को सुरक्षा प्रदान की जाएगी, गंभीर मामले में कार्यकर्ता शिकायतकर्ता या साक्षी की सुरक्षा का प्रकार पुलिस आयुक्त/जिला अधीक्षक द्वारा तय किया जाएगा।, ‘‘
कमेटी द्वारा किए गए विश्लेषण में यह पाया जाता है कि आवेदक को कोई विशेष धमकी नही मिली है तो जिला स्तरीय कमेटी आवेदक द्वारा किए गए आवेदन की कापी व आवेदक को मिली हुई धमकी से संबंधित सबूत को राज्य स्तरीय गठित कमेटी को भेजा जाएगा। इस बारे में जो राज्य स्तरीय कमेटी फैसला लेगी माननीय होगा।
गंभीर मामले में सूचना कार्यकर्ताओंध्शिकायतकर्ता या साक्षी, व्हिस्ल ब्लोवर, को दी गई सुरक्षा को कमेटी द्वारा समय-समय पर परिस्थिति अनुसार खतरे की समीक्षा कर कभी भी बढाया/घटाया व हटाया जा सकता है।
जिला स्तरीय कमेटी, सूचना कार्यकर्ताओंध्शिकायतकर्ता या साक्षी, व्हिस्ल ब्लोवर को गंभीर केस में मिली धमकी के कारण व धमकी की विश्लेषण रिपोर्ट सहित सुरक्षा का प्रस्ताव तीन दिन के अंदर राज्य स्तरीय कमेेटी को अनुमोदन के लिए प्रस्ताव भेजेगी। भेजी गई रिपोर्ट पर राज्य स्तरीय कमेटी एक सप्ताह के अन्दर निर्णय लेगी।
अगर दी गई सुरक्षा का गलत इस्तेमाल करना पाया जाता है तो लागत की वसूली के साथ-साथ उसके खिलाफ कानूनी कार्यवाही की जाएगी।
एक विशेष सैल गठित की जाएगी। जो यह सुनिश्चित करेगी कि जिस सुरक्षा के लिए अनुरोध किया गया, और केस जो सूचना कार्यकर्ताओंध्शिकायतकर्ता या साक्षी, व्हिस्ल ब्लोवर इत्यादि से संबंधित दर्ज किए गए हो की जांच की निगरानी करेगी। संगीन जुर्म के मामलो में राज्य स्तरीय कमेटी की राय ली जाएगी जो दबाव, और बिना किसी आधार के दर्ज किए गए हो।
व्हिस्ल ब्लोवर/सूचना कार्यकर्ताओंध्शिकायतकर्ता या साक्षी, को पोलिसी के तहत सुरक्षा दी जाएगी, अगर संरक्षित भेद उसके पास उपलब्ध है तोः-
वो व्हिस्ल ब्लोवर/सूचना कार्यकर्ताओंध्शिकायतकर्ता या साक्षी जिनके पास संबंधित उचित जानकारी अथवा दस्तावेज है।
सुरक्षा व्यक्तिगत लाभ और बैर के लिए ना हो।