Faridabad News : डॉ. एसएसवी रामाकुमार, निदेशक (आरएंडडी) ने आरएंडडी सेन्टर में हाल ही में पीईसी वाटर स्प्लिटिंग के माध्यम से हाइड्रोजन उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए एकदिवसीय कार्यशाला का उद्घाटन किया। इस अवसर पर राष्ट्रीय नवीकरणीय अनुसंधान प्रयोगशाला (यूएसए), कोलोगने विश्वविद्यालय (जर्मनी), हाइपरसोलर इंक. (यूएसए) और टेक्नीऑन – इजरायल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (इजरायल) के अंतर्राष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त विशेषज्ञ उपस्थित थे। डॉ. आर.के. मल्होत्रा, डीजी, भारतीय पेट्रोलियम उद्योग संघ एवं अध्यक्ष, भारतीय हाइड्रोजन एसोसिएशन, डॉ. संजय बाजपेई, एसोसिएट हैड, टेक्नोलॉजी मिशन डिविजन, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग तथा आरएंडडी के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
कार्यशाला में बोलते हुए डॉ. रामाकुमार ने अभीष्ट राष्ट्रीय निर्धारित अंशदान (आईएनडीसी) के मानकों की तात्कालिक आवश्यकता एवं अनुपालन की जरूरत के बारे में संक्षेप में बताया। उन्होंने कहा कि बिना कार्बन अर्थव्यवस्था के लिए असली समाधान हाइड्रोजन है और इंडियनऑयल, देश का सबसे बड़ा रिफाइनर कम कार्बन या बिना कार्बन युग की दिशा में आगे बढ़ते हुए एनर्जी स्टोरेज बैटरियों सहित वैकल्पिक ऊर्जा के क्षेत्र में अनुसंधान कर रहा है। उन्होंने बताया कि फोटो-इलेक्ट्रोकेमिकल सेल (पीईसी) में सोलर वाटर स्प्लिटिंग द्वारा हाइड्रोजन उत्पादन को सतत् ऊर्जा अनुसंधान की बेहतरीन पद्धति के रूप में माना जाता है। वैश्विक विशेषज्ञों के साथ सहयोग एवं सलाह से लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में यह वास्तव में एक और कदम है और उन्होंने कार्यशाला के सफल आयोजन की शुभकामना दी।
वर्तमान ऊर्जा परिदृश्य पर संक्षिप्त विवरण देते हुए डॉ. मल्होत्रा ने वैज्ञानिक समुदाय को नवीकरणीय ऊर्जा की भागीदारी 3 से 10 प्रतिशत तक बढ़ाने का आह्वान किया। श्री बाजपेई ने कार्यशाला के आयोजन के द्वारा अनुसंधान को आगे बढ़ाने एवं वैश्विक विशेषज्ञों को आमंत्रित करने के लिए इंडियनऑयल की सराहना की ।
कार्यशाला के दौरान आयोजित सत्रों को मुख्य उद्देश्य तकनीक के सभी पहलुओं को आगे बढ़ाने पर विशेष ध्यान देते हुए पीईसी वाटर स्प्लिटिंग के क्षेत्र में प्रतिभागियों को ज्ञान को बढ़ाना था। इंडियनऑयल आरएंडडी के वैज्ञानिकों सहित देश के अग्रणी अनुसंधान एवं विकास संस्थानों जैसे आईआईटी, सीईसीआरआई, डीएसटी, सीएसआईआर प्रायोगशाला आदि के 75 से अधिक प्रतिनिधियों ने कार्यशाला में भाग लिया। सत्र में यूएसए, जर्मनी एवं इजरायल के वक्ताओं ने अपने विचार रखें।
फोटो-इलेक्ट्रो-केमिकल (पीईसी) वाटर स्प्लिटिंग सौर ऊर्जा के उपयोग द्वारा नवीकरणी हाइड्रोजन उत्पादन के लिए अति महत्वपूर्ण तकनीकों में से एक है जिसमें विविध विषयक विज्ञान एवं तकनीक के क्षेत्र जैसे सामग्री विज्ञान, रसायन विज्ञान, इलेक्ट्रोकैमिस्ट्री, केमिकल इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रॉनिक्स, मैकेनिकल इंजीनियरिंग आदि में अनुसंधान शामिल है। विश्व भर में सभी व्यापक स्रोतों ”सोलर एनर्जी” से इसके घटकों का उपयोग कर पानी में हाइड्रोजन एवं ऑक्सीजन को अलग करने के संबंध में कई आरएंडडी प्रयास किये जा रहे हैं।
कार्यशाला ने अग्रणी राष्ट्रीय/अंतर्राष्ट्रीय अनुसंधान प्रयोगशालाओं एवं उद्योगों के साथ सहयोगात्मक अनुसंधान कार्य करने के लिए इंडियनऑयल आरएंडडी को एक बेहतरीन अवसर प्रदान किया।