Faridabad News, 11 Feb 2019 : जे.सी. बोस विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, वाईएमसीए, फरीदाबाद के सिविल इंजीनियरिंग विभाग द्वारा ‘सिविल इंजीनियरिंग में जीआईएस एवं सर्वेक्षण में उन्नत तकनीक’ विषय पर आयोजित दो दिवसीय कार्यशाला आज प्रारंभ हो गई। कार्यशाला का आयोजन राजकीय इंजीनियरिंग कालेज, अम्बेडकर नगर के संयुक्त तत्वावधान में तकनीकी शिक्षा गुणवत्ता सुधार कार्यक्रम के अंतर्गत औद्योगिक सहयोग से किया जा रहा है।
कार्यशाला के उद्घाटन सत्र में राष्ट्रीय सीमेंट और भवन निर्माण सामग्री परिषद् के महानिदेशक डाॅ. बी.एन. महापात्रा मुख्य अतिथि तथा राष्ट्रीय जलविद्युत ऊर्जा निगम में महाप्रबंधक रजनीश अग्रवाल विशिष्ट अतिथि रहे। सत्र की अध्यक्षता कुलपति प्रो. दिनेश कुमार ने की।
सत्र को संबोधित करते हुए डाॅ. महापात्रा ने औद्योगिक-अकादमिक सहभागिता पर बल दिया तथा विश्वविद्यालय को गुणात्मक पहल में सहयोग देने का आश्वासन दिया। उन्होंने सिविल इंजीनियरिंग विद्यार्थियों तथा संकाय सदस्यों को जीआईएस, सर्वेक्षण तथा इसके अनुप्रयोगों से संबंधित जरूरी जानकारी अर्जित करने के लिए प्रेरित किया ताकि वे औद्योगिक जरूरतों के अनुरूप खुद को तैयार कर सके और इससे अनुसंधान कार्याें को भी बल मिलेगा।
इस अवसर पर बोलते हुए कुलपति प्रो. दिनेश कुमार ने सिविल इंजीनियरिंग में उपयोग की जा रही नवीनतम तथा उन्नत सर्वेक्षण तकनीकों पर कार्यशाला आयोजित करने के लिए विभाग के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि स्मार्ट सिटी अवधारणा को मूर्त रूप देने में नई ढांचागत योजनाओं की डिजाइनिंग, प्लेनिंग व निर्माण के क्षेत्र में रोजगार की आपार संभावनाएं है। नई रोजगार संभावनाओं को देखते हुए ही विश्वविद्यालय द्वारा हाल ही में सिविल इंजीनियरिंग का पाठ्यक्रम शुरू किया गया है। उन्होंने युवा इंजीनियर्स को स्मार्ट सिटी परियोजना का नेतृत्व करने का आह्वान करते हुए कहा कि यह इंजीनियर्स के लिए एक बेहतरीन अवसर है और उन्हें इस अवसर का लाभ उठाना चाहिए।
सत्र को श्री रजनीश अग्रवाल ने भी संबोधित किया तथा सर्वेक्षण की नवीनतम तकनीकों के बारे में जानकारी दी। इससे पूर्व, सिविल इंजीनियरिंग विभाग के अध्यक्ष डाॅ. एमएल अग्रवाल ने सभी प्रतिभागियों का स्वागत किया तथा दो दिवसीय कार्यशाला की रूपरेखा प्रस्तुत की।
पहले दिन के सत्र को राष्ट्रीय सीमेंट और भवन निर्माण सामग्री परिषद् में महाप्रबंधक डाॅ. नरेन्द्र कुमार तिवारी, एनआईटी कुरूक्षेत्र से डाॅ. प्रवीण अग्रवाल तथा अरावली कालेज आफ इंजीनियरिंग से दिव्याश्री ने संबोधित किया।