फरीदाबाद। ब्यूरो ऑफ एनर्जी एफीशिएंसी मिनिस्ट्री ऑफ पावर भारत सरकार के संयुक्त निदेशक श्री श्याम सुंदर पलराज ने कहा है कि वर्तमान परिवेश में जिस तेजी से पर्यावरण में परिवर्तन हो रहा है उसका वास्तविक प्रभाव एमएसएमई सैक्टर पर अधिक पड़ रहा है ऐसे में एमएसएमई सैक्टर को अपने संस्थानों व कार्यप्रणाली में कई आधारमूल परिवर्तन करने होंगे।
यहां प्रमुख औद्योगिक संगठन आईएमएसएमई आफ इंडिया व सैंटर फार रिस्पोंसिबल बिजनेस द्वारा आयोजित एक विशेष कार्यक्रम रेस टू नैट जीरो में अपने विचार व्यक्त करते हुए श्री श्याम सुंदर ने कहा कि आवश्यकता इस बात की है कि एमएसएमई सैक्टर एनर्जी एफीशिएंसी पर ध्यान दें और अपने संस्थानों में उन संसाधनों व स्त्रोतों में बदलाव व परिवर्तन लाएं जो किसी भी रूप में पर्यावरण के लिये अच्छे नहीं हैं।
कार्यक्रम में उपस्थित उद्योग प्रबंधकों को संबोधित करते हुए आईएमएसएमई आफ इंडिया के चेयरमैन श्री राजीव चावला ने कहा कि वास्तव में क्लाईमेंट में परिवर्तन का प्रभाव एमएसएमई सैक्टर्स पर पड़ा है। आपने कहा कि जनरेटर सैटों पर रोक, पीएनजी सैटों की अनिवार्यता सहित कई ऐसे पग हैं जिनसे एमएसएमई सैक्टर्स की दैनिक प्रक्रिया प्रभावित हुई है।
श्री चावला ने कहा कि रेस टू नेट जीरो के आयोजन का उद्देश्य एमएसएमई सैक्टर्स के समक्ष आने वाली चुनौतियों पर न केवल विचार करना बल्कि उनसे निपटने के लिये प्रभावी कार्यनीति बनाना भी है।
श्री चावला ने विभिन्न प्रश्रों का उत्तर देते कहा कि क्लाइमेट में होने वाला परिवर्तन हालांकि विश्वस्तरीय है परंतु हमें इस संबंध में जागरूक होना होगा और ढांचागत सुधार करना होगा। नेट जीरो जर्नी के संबंध में श्री चावला ने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाना आवश्यक है कि विभिन्न मानकों की पालना की जाए और एनर्जी एफीशिएंसी संबंधी प्रभावी कदम उठाए जाएं।
ग्रीन क्लाईमेंट फाइनेंस वर्टीकल इंटरनेशनल को-ओप्रेशन सिडबी के महाप्रबंधक राजीव कुमार ने विभिन्न वित्तीय सुविधाओं की जानकारी देते हुए बताया कि एमएसएमई सैक्टर्स इस संबंध में सरकार द्वारा जारी योजनाओं का लाभ उठा सकते हैं।
यूनिडो के नेशनल प्रोजैक्ट कोर्डिनेटर देवाजीत दास ने अपने संबोधन में जहां क्लाइमेट चेंज संबंधी विभिन्न तथ्यों पर जानकारी दी वहीं विशिष्ट लाइफस्टाइल की फाउंडर नम्रता अग्रवाल ने भी उपस्थितजनों को संबोधित किया। कार्यक्रम में सीआरबी के सीनियर प्रोग्राम मैनेजर विनीत पांडे ने जहां आगंतुकों का स्वागत किया वहीं सीआरपी डायरेक्टर देवयानी हरी ने रेस टू नेट जीरो वर्कशाप के संबंध में जानकारी दी। सुश्री देवयानी हरी और पल्लवी आहुजा ने बताया कि एसएमई क्लाइमेट हब क्या है और जर्नी टू नेट जीरो कहां और कैसे आरंभ की जा सकती है।
कार्यक्रम की विशेषता यह रही कि इसमें उपस्थित उद्योग प्रबंधकों ने न केवल एसएमई क्लाइमेट हब से संबंधित जानकारी ली बल्कि अपने संस्थानों में इंफ्रास्ट्रक्चर, मशीनरी इत्यादि के संबंध में भी नई तकनीक व तथ्यों संबंधी जानकारी ली।