कर्म और वचन से आप बन सकते हैं बड़ा : पंडित नीरज शर्मा

0
987
Spread the love
Spread the love

Faridabad News, 26 Oct 2020 : श्रीराम कथा के नौंवे दिन श्रीराम कथा की संगीतमय भजन से शुरुआत की गई। उपस्थित रामभक्तों ने जब उसमें अपना सुर से सुर मिलाया, तो पूरा पंडाल राममय हो गया। व्यासपीठ से उपस्थित श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए कथावाचक पंडित नीरज शर्मा ने कहा कि पूरे रामायण को आप पढ़ें, सुनें, उसमें जब आप श्रीराम भक्त हनुमान को देखें और समझें, तो आपको ज्ञात होगा कि उन्होने कभी कर्म और वचन से झूठ का आश्रय नहीं लिया। हर काज सोच समझकर किया। सदा सत्य के मार्ग पर चले। यदि आज भी जो व्यक्ति इस मार्ग का अनुशीलन करता है, तो समाज में उसे बड़ा होने का सम्मान मिलता है।

एनआईटी के विधायक व कथावाचक पंडित नीरज शर्मा ने कहा कि बीते दिनों मुझे कोरोना हुआ। मैं अस्पताल में भर्ती था। वहां जब मैं ठीक होने लगा, तो ऐसा अंतःकरण में आया कि दूसरा जीवन प्रभु श्रीराम की कृपा से हुआ है। जब भी हम अपने आप को श्रीराम का सौंप देते हैं, तो उसका परिणाम सुखद और कल्याणकारी ही होता है। उन्होंने कहा कि रामचरितमानस एक शोध ग्रंथ है, जो हमें एहिलौकिक संबंधों को समझने में मदद करता है। यदि आज की पीढ़ी इसे पढ़ ले, तो वह समझेगा कि यह मैनेजमेंट का सबसे बेहतर पुस्तक है। हमारी संस्कृति से बड़ी कोई चीज नहीं है। हमें अपने संस्कृति को समझना होगा।

श्रीरामकथा में नौंवे दिन कई प्रसंगों को सुनाते हुए कथावाचक पंडित श्री हरिमोहन गोस्वामी जी ने कहा कि आज विजयदशमी का दिन है। मर्यादा पुरूषोतम भवगान श्रीराम ने रावण पर विजय प्राप्त की। रावण को हर वर्ष क्यों जलाया जाता है, इसको सविस्तार बताया। श्रीराम कथा के नौंवे दिन हरिमोहन गोस्वामी जी ने कहा कि राम रावण युद्ध और रावण की मृत्यु के संदर्भ में बात करते हुए यह समझाने की कोशिश कि आज भी हर साल हमें रावण को जलाने की आवश्यकता क्यों पड़ती है ?

कथावाचक पंडित नीरज शर्मा ने कहा कि आज का दिन बेहद प्रफुल्लित करने वाला है कि श्रम से ही शुरू हुआ और श्रम से जुड़े लोगों को सम्मानित करने का सौभाग्य मिला। गोस्वामी तुलसीदास जी ने भी तो कहा है कि कर्म प्रधान विश्व करि राखा। हम लोग कर्म करते रहे। राजनीतिक-सामाजिक रूप से बात करूं तो वर्तमान समय यथा प्रजा तथा राजा का समय है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here