फेंकी है आग में तूने दिया सलाई, नाक अपनी नहीं नाक मेरी है कटाई

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Faridabad : कल देर रात विजय रामलीला कमेटी के इतहासिक मंच पर दिखायी गयी राम और रावण की दुश्मनी की शुरवात, कार्यक्रम के प्रारम्भ में श्रुपनखा ने पंचवटी में राम लक्ष्मण को मोहना चाहा, जिस पर राम आज्ञा से लक्ष्मण ने उसकी नाक उड़ाई ! अगले दृश्य में विफल प्रयास और कटी नाक लेकर उसने रावण क दरबार में गुहार लगाई और रावण क्रोध में भर आया की किसने बहन की नाक उड़ाई! “बहना जो काटे नाक तेरी और ज़िंदा रहे ज़माने में, तो टूटे यह दोनों भुजा मेरी, लानत है शस्त्र उठाने में “! रावण ने श्रुपनखा से कहा कि फेंकी है आग में तूने दिया सलाई, नाक अपनी नहीं नाक मेरी है कटाई। अक्षय द्वारा किये गए श्रुपनखा के अभिनय ने सबके मन जीत लिए। इसके बाद रावण (टेकचंद नागपाल ) ने मामा मारीच बने कमेटी के सरपरस्त(रघुनाथ शर्मा) की मदद से स्वर्ण मृग का जाल रचा और पंचवटी से किया माँ सीता (जितेश) का हरण! जटायू का वध और भरी लंका की और उड़ान। इसके बाद सीते के वियोग में तड़पते राम (निमिष) मंच पर रोते दिखाई पड़े ! गुज़रे कार्यक्रम में रावण टेकचंद नागपाल के एक एक शेर पर तालियों की गड़गडाहट से गूंजा कमेटी का मैदान। आज इसी मंच पर होगा राम हनुमान मिलन और बाली का वध |

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