Faridabad News, 13 June 2020 : “जरूरतमंद व्यक्ति को रक्तदान या उसके घटकों का दान आधुनिक स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली में मानवता का बहुत महत्वपूर्ण हिस्सा बन गया है। इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि रक्त देने वाला और रक्त पाने वाला कौन है, भविष्य में ये भी सम्भव है कि रक्तदाता रक्त पाने वाला बन जाये और आने वाले समय में रक्त पाने वाला स्वस्थ्य रक्तदाता बन जाये। इसलिये बिना किसी भी इच्छा के रक्तदान करना जीवन बचाने की प्रक्रिया में मानवता का महान और महत्वपूर्ण भाग है।
केवल अपने मित्रों और रिश्तेदारों के लिये ही रक्तदान नहीं करना चाहिये, बल्कि स्वार्थरहित स्वैच्छिक रक्तदान ही किसी भी मनुष्य के लिये वास्तविक मानवता है क्योंकि ये बहुत से जीवन को बचा सकती है।”, ऐंसा मानना है मदन चावला का। मदन ना केवल “गिफ़्ट – ग्लोबली इंटीग्रेटिड फॉउंडेशन फ़ॉर थैलेसीमिया” संस्था के संस्थापक हैं, बल्कि पिछले कई वर्षों से देश भर में “लाइफ सेवर्स” नाम का व्हाट्सऐप ग्रुप चलाकर निस्वार्थ ज़रूरतमंद लोगों की आवश्यकता पड़ने पर उनके लिये रक्त्त जुटाते आ रहे हैं।
मदन स्वयं भी एक नियमित रक्त्तदाता हैं और अपने जीवन में अभी तक 125 बार से ज़्यादा अपना रक्त्त व पलेट्स दान कर चुके हैं। इसके अतिरिक्त वो अपनी संस्था गिफ़्ट के माध्यम से नियमित रक्तदान शिविर भी आयोजित करते हैं। इस वर्ष कोरोनॉ महामारी के कारण पिछले कुछ महीनों रक्तदान में भारी कमी ज़रूर आयी है, पर इस चुनौती ने उनके रक्त्त पूर्ति के जज़्बे को किसी प्रकार से कम नहीं होने दिया, बल्कि उनकी मेहनत कई गुना बढ़ गई है ताकि ज़रूरतमंद लोगों को रक्त्त मिलने में संघर्ष कम करना पड़े। मदन चावला के मुताबिक रक्तदान से जहाँ ज़रूरतमंद लोगों की जान बचती है, वहीं रक्तदाता के स्वास्थ्य को भी अत्याधिक लाभ मिलता है। नियमित रक्तदान करने वाले व्यक्त्ति को दिल की बीमारी होने की संभावना अपेक्षाकृत कम होती है।
विश्व रक्तदाता दिवस, यानी प्रत्येक वर्ष 14 जून, के अवसर पर लोगों को रक्तदान के बारे में जागरुक करने के लिये, विभिन्न किस्म के जागरूकता कार्यक्रम, शिविरों और अनुपूरक प्रचार गतिविधियों का आयोजन किया जाता है। कोई भी व्यक्त्ति जिसकी उम्र 18-60 वर्ष, वजन कम से कम 45 किलोग्राम, हीमोग्लोबिन 12.5 और नाड़ी दर, शरीर का तापमान व बी.पी. सामान्य है वो समान्यतः रक्त्त दान कर सकता है।
रक्त मनुष्य के जीवन में बहुत महत्वपूर्ण तत्व है क्योंकि यह शरीर के ऊतकों और अंगों के लिए महत्वपूर्ण पोषण प्रदान करता है। सुरक्षित रक्तदान सभी उम्र के और सभी स्तर के लोगों का जीवन बचाता है। रक्तदान के प्रति आम जनता की अज्ञानता, भय और गलत धारणाओं को दूर करने के लिए इस दिन को एक महान स्तर पर मनाना बहुत आवश्यक है। स्वैच्छिक संगठनों को अपने बहुमूल्य समय का भुगतान और अपने संसाधनों का उपयोग देश के छात्रों/युवाओं, कॉलेजों, संस्थानों, क्लबों अथवा गैर सरकारी संगठनों आदि को प्रोत्साहित करने के लिये कर रहे हैं।
इस विश्व रक्तदाता दिवस पर हमारी गिफ़्ट – ग्लोबली इंटीग्रेटिड फॉउंडेशन फ़ॉर थैलेसीमिया की ओर से खासकर युवापीढ़ी से अपील है कि वो रक्त्त दान में नियमित रूप से और भी बढ़चढ़ कर भाग लें ताकि हमारे देश में हर वक्त रक्त की ज़रूरत के मुकाबले में जो कमी है उसे ख़त्म किया जा सके।