महिला कल्याण से जुड़ी सभी संस्थाएं महिलाओं को न्याय दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करें : सत्यदेव नारायण आर्य

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Chandigarh News, 04 Oct 2018 : महिला कल्याण से जुडी सभी सरकारी, गैर सरकारी, समाजसेवी व स्वंयसेवी संस्थाएं महिलाओं को न्याय दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करें। यह बात हरियाणा के राज्यपाल सत्यदेव नारायण आर्य ने आज राजभवन में उनसे मिलने आए हरियाणा राज्य महिला आयोग के अधिकारियों से बातचीत करते हुए कही। इन अधिकारियों में राज्य महिला आयोग की अध्यक्षा श्रीमति प्रतिभा सुमन, उपाध्यक्षा श्रीमति प्रीति भारद्वाज व अन्य सदस्य उपस्थित थे।
श्री आर्य ने कहा कि महिला आयोग राज्य के सभी जिला व दूर-दराज के सभी क्षेत्रों मे संयुक्त बैंचो का आयोजन कर महिलाओं की समस्याएं सुनें और उनका मौके पर निपटारा करें। इसके साथ-साथ आयोग महिलाओं के मामले से सम्बन्धित लगातार महिला आश्रमों, मित्र-कक्षों और प्रदेश के थानो से भी संपर्क बनाएं रखे और यह सुनिश्चित करें कि कही भी महिलाओ के अधिकार का हनन न हो और उन्हेे त्वरित न्याय मिले। उन्होने कहा कि संयुक्त बैंच में निपटारा किए जाने वाले मामलों की संख्या अधिक से अधिक हो। महिला कल्याण से सभी जुडी सरकारी और गैर सरकारी संस्थाएं बेटी बचाओ-बेटी पढा़ओ अभियान को और आगे बढाने के लिए काम करें। उन्होने कहा कि प्रदेश में जहां कहीं भी भ्रूण-हत्या जैसे मामले सामने आए तो तुरन्त उनके खिलाफ कार्यवाही करवाएं। इसके साथ-साथ आॅनर किलिंग जैसी सामाजिक बुराईयों पर अंकुश लगाने के लिए भी काम करें और आमजन को इस बारे में समझाएं। इसके साथ-साथ विभिन्न स्थानों पर कार्यक्रम आयोजन करके सामाजिक कुरितियों के खिलाफ जागृत करें।
उन्होने हरियाणा कला परिषद् अधिकारियों से बात करते हुए कहा कि परिषद् पुराने जमाने से चले आ रहे अच्छे संस्कारों को जीवित रखने के लिए कार्य करें। अच्छे संस्कारो के कारण ही सुदृढ़ समाज की संरचना होती है। देश की संस्कृति संस्कारो से ही बनी है। हमारे भारतवर्ष में बच्चा पैदा होने से लेकर मनुष्य की मृत्यु तक विभिन्न प्रकार के संस्कार कार्यकर्मो के आयोजन किया जाता है, जिनमें गीत-संगीत का अति महत्व होता है। इसलिए कला से जुडी सभी संस्थाएं विभिन्न प्रकार का साहित्य व लेखन के माध्यम से जनता में प्रसार ओर प्रसारित करें। इसके लिए प्रदेश के ग्रामीण आंचल में रह रहे कलाकार व बडे बुजुर्ग महत्वपूर्ण योगदान दे सकते है। हरियाणा कला परिषद् के डायरेक्टर अनिल कौशिक ने बताया कि विभिन्न प्रकार के गीतो की सी.डी. तैयार की जा रही है तथा गत-वर्ष हरीरंगम का भी आयोजन किया गया। प्रदेश की विभिन्न जगहों पर सेमिनार का आयोजन किया जा रहा है। जिनमें संस्कारित साहित्य का भी संकलन किया जा रहा है। आज पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार राज्यपाल श्री आर्य ने विभिन्न लोगों से मुलाकात की।

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