Ambala News : राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने धर्मनगरी कुरुक्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय गीता जयंती महोत्सव का शुभारंभ किया। महोत्सव का आगाज ब्रह्मसरोवर के पवित्र तट पर मंत्रोच्चारण के साथ हुआ। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद गीता पूजन के साथ नौ कुंडीय यज्ञ में पूर्णाहुति डाली। इस मौके पर ब्रह्म सरोवर सहित पूरे परिसर को सुंदर ढ़ंग से सजाया गया है। राष्ट्रपति का काफिला अंबाला छावनी स्थित एयर फोर्स स्टेशन से कुरुक्षेत्र के लिए रवाना हुए। पत्नी आैर बेटी भी हैं राष्ट्रपति के साथ ब्र्रह्म सरोवर पहुंचने पर हरियाणा के राज्यपाल प्रो. कप्तान सिंह साेलंकी और मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने स्वागत किया। इस मौके पर गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद भी मौजूद थे।राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने मंत्रोच्चारण के बीच नौ कुंडीय हवन में आहुति डालकर अंतरराष्ट्रीय गीता जयंती महोत्सव का शुभारंभ किया। उनके साथ राज्यपाल सोलंकी, मुख्यमंत्री मनोहरलाल ने भी यज्ञ में आहुति डाली।इसके राष्ट्रपति कोविंद ने पुरुषोत्तमपुरा बाग में 48 कोस परिक्रमा और सरस्वती हेरीटेज व हरियाणा के स्वर्ण इतिहास पर लगाए गई प्रदर्शनी का अवलोकन किया।महोत्सव का खास अाकर्षण 200 विद्यार्थियों द्वारा गीतापाठ होगा। ये विद्यार्थी गीता के श्लोकों का संवेद उच्चारण करेंगे।इसके बाद राष्ट्रपति केडीबी रोड पर गीता ज्ञानम संस्थानम में शोध केंद्र की आधारशिला रखेंगे। महामहिम कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में आयोजित होने वाली अंतरराष्ट्रीय गीता संगोष्ठी में भी बतौर मुख्य मेहमान शिरकत करेंगे। संगोष्ठी में गीता मनीषी अपने विचार रखेंगे।
एयरफोर्स स्टेशन से विशेष हेलीकॉप्टर से कुरुक्षेत्र गए राष्ट्रपति-इससे पहले राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद अंबाला के एयरफोर्स स्टेशन पर सेना के विशेष विमान से उतरे और फिर कुरुक्षेत्र के लिए उनका काफिला रवाना हुआ।राष्ट्रपति कोविंद के आगमन पर अंबाला के एयरफोर्स स्टेशन के अंदर ही प्रशासनिक, सेना और एयरफोर्स से जुड़े अधिकारी स्वागत किया। वह करीब 15 मिनट तक अंबाला एयरफोर्स स्टेशन में रुके। राष्ट्रपति के साथ उनकी पत्नी और बेटी भी थीं।
ये था सिक्युरिटी अरेंजमेंट-राष्ट्रपति के आगमन को लेकर शुक्रवार को अंबाला रेंज के आईजी एवं एडीपीजी डॉ. आरसी मिश्रा ने एयरफोर्स स्टेशन के अंदर और बाहर सुरक्षा व्यवस्थाओं का जायजा लिया। पुलिस ने सुरक्षा व्यवस्थाओं को लेकर एक ट्रायल भी किया।सुरक्षा के लिहाज से शुक्रवार सुबह से ही एयरफोर्स स्टेशन और आसपास के क्षेत्र को छावनी में तबदील कर दिया गया। यहां 500 से अधिक जवानों को तैनात किया गया है।