Chandigarh News : हरियाणा के गुरुग्राम स्थित फोर्टिस अस्पताल में बच्ची की मौत के बाद परिजनों को 18 लाख रुपए के बिल भेजने की जांच रिपोर्ट जारी होने से पहले तूफान खड़ा हो गया। गतदिवस को तय समय में रिपोर्ट नहीं पहुंचने से स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज भड़क गए और गुस्से में ऑफिस से उठकर अम्बाला चले गए। विज ने फोन पर महकमे के प्रधान सचिव अमित झा को कड़ी फटकार भी लगाई। विज ने कहा कि ऐसी लापरवाही किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उनका कहना है कि अफसरों के दिए गए समय के मुताबिक ही उन्होंने मीडिया को बातचीत के लिए बुलाया था लेकिन अफसरों की ओर से रिपोर्ट पहुंचाने में देरी की गई जो क्षमा योग्य नहीं है। माना जा रहा है कि अाज रिपोर्ट का खुलासा हो पाएगा।
मंत्री विज के निर्देशों पर स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त महानिदेशक की अध्यक्षता में गठित 3 सदस्यीय समिति ने बीते दिन शाम को अपनी जांच रिपोर्ट विभाग के प्रधान सचिव अमित झा को सौंपी थी। कुछ खामियों के कारण यह रिपोर्ट देने का समय गतदिवस दोपहर निर्धारित किया गया। लिहाजा विज ने रिपोर्ट को सार्वजनिक करने के लिए मीडिया को गतदिवस दोपहर 1.30 बजे का समय तय कर दिया था। विज के दिए गए समय के मुताबिक जब मीडिया के प्रतिनिधियों की टीम उनके दफ्तर पहुंची तो पता चला कि अभी रिपोर्ट पहुंची ही नहीं है। खुद विज भी काफी देर तक रिपोर्ट आने का इंतजार करते रहे, लेकिन रिपोर्ट में देरी होने से वह भड़क गए और अचानक उठकर दफ्तर से निकल गए। इस मामले में कमेटी के सदस्यों पर कार्रवाई के कयास लगाए जा रहे हैं।
50 पन्नों की है जांच रिपोर्ट
स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों के मुताबिक फोर्टिस अस्पताल की जांच रिपोर्ट 50 पन्नों में बनाई गई है। बताया जा रहा है कि 3 सदस्यीय समिति ने मृतक बच्ची के परिजनों की ओर से लगाए गए आरोपों की गहन छानबीन की। रिपोर्ट प्रदेश सरकार के साथ ही केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय और 12 दिसम्बर को पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में भी पेश की जानी है, इसलिए समिति ने आरोपों की बारीकी से पड़ताल की है। पीड़ित परिजनों के अलावा अस्पताल प्रबंधन का पक्ष भी जाना गया। बड़ा सवाल यही उठा था कि आखिर 15 दिन में 2700 ग्लब्स और 660 सिरिंज कैसे प्रयोग में लाई गईं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के पास इसके अलावा और भी शिकायतें आई थीं। सभी को मद्देनजर रखते हुए जांच को अंतिम रूप दिया गया है। सूत्रों की मानें तो जांच समिति ने सभी बिंदुओं को विस्तार से खंगालने के बाद कड़ी कार्रवाई की सिफारिश की है ताकि भविष्य में इस तरह के मामले दोबारा सामने न आएं।