Rohtak News, 16 June 2019 : भारत में स्वास्थ्य की अनदेखी व गलत खान-पान के कारण लगातार कैंसर के मरीजों की संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। कैंसर के पीछे सबसे बड़ी वजह लोगों की अज्ञानता भी है। सामाजिक संकोच व अज्ञानता के चलते जब कैंसर जब अंतिम चरण में होता है तो मजबूरीवश डाक्टर के पास ईलाज के लिए पहुंचते हैं जहां उन्हें बचा पाना लगभग असंभव होता है। यह बात आज स्थानीय नरूला डायग्नोस्टिक सेंटर में आयोजित एक पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए बीएलके सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल के सलाहकार डॉ. जय गोपाल शर्मा ने कही। वे आज रोहतक में बीएलके सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल के सहयोग से ऑनकोलॉजी ओपीडी सेवायें शुरू की। जिसमें कैंसर रोग की प्रारंभिक जांच करने की सुविधाएं उपलब्ध होंगी।
डॉ. जयगोपाल शर्मा ने कहा कि राष्ट्रीय इंस्टीट्यूट ऑफ कैंसर प्रीवेंशन एंड रिसर्च के अनुसार स्तन, मुंह, फेफड़े, पेट, कोलोरेक्टल, फैरिंक्स और अंडाशय को प्रभावित करने वाले पुरूषों और महिलाओं के कई कैंसर, सभी प्रकार के कैंसरों का 47.2 प्रतिशत हिस्सा है। उन्हें प्रारंभिक चरण में जांच के दौरान पहचान करके ईलाज द्वारा रोका जा सकता है। बीएलके सुपर स्पेशलिटी अस्पताल ने दिल्ली-एनसीआर और आस-पास के शहरों के लोगों के लिए एक सामुदायिक आउटरीज प्रोग्राम – नो कैंसर शुरू किया है। रोहतक में इस कार्य में उनका सहयोग नरूला डायग्नोस्टिक सेंटर करेगा। उन्होंने कहा कि रोहतक में इस मुहिम को शुरू करने का कारण है कि दिल्ली में ईलाज करवाने के लिए जाने वाले रोगियों में सबसे अधिक रोहतक के मरीज हैं। जोकि अत्याधिक खादए तम्बाकू व शराब के सेवन के कारण इस भयानक बीमारी का शिकार हो रहे हैं।
इस अवसर पर नरूला डॉयग्नोस्टिक सेंटर के प्रबंध निदेशक डॉ. अरूण नरूला ने कहा कि कैंसर का पता यदि प्रारंभिक स्टेज पर लग जाये तो इसका ईलाज करना बहुत ही आसान है। उन्होंने कहा कि वो अपने सेंटर पर कैंसर का टेस्ट करवाने वाले व्यक्तियों के लिए विशेष रियायती पैकेज शुरू कर रहे हैं। जिससे जो व्यक्ति कैंसर से सम्बन्धित महंगे टेस्टों को नहीं करवा पाते उनका आर्थिक रूप से सहयोग किया जा सके। उन्होंने कहा कि निकट भविष्य में भी इस प्रकार के कैम्पों का आयोजन करके अधिक से अधिक संख्या में मरीजों को जागरूक करके कैंसर से निपटने में रोगियों का सहयोग करेंगे।
डॉ. अनीता नरूला ने कहा कि सभी प्रकार की खाद्य वस्तुओं तथा जीवन रक्षक दवाईयों पर भी उनमें प्रयुक्त सामग्री की मात्रा और उनके बनाने से लेकर उनके प्रयोग की अंतिम तिथि अंकित होती है। सिर्फ नशीले पदार्थों, तम्बाखू आदि के पैकेटों पर उनमें प्रयुक्त कैमिकल की कोई जानकारी अंकित नहीं होती। उन्होंने कहा कि यदि लोगों को जागरूक किया जाये और इन नशीले पदार्थों की बाजार में मांग न रहे तो इनका उत्पादन करने वाले स्वयं अन्य उद्योगों में स्थानान्तरित हो जायेंगे।
डॉ.अनीता नरूला ने कहा कि कैंसर होने के अनेक कारण हैं। जिनमें सर्वाइकल व ब्रेस्ट कैंसर प्रमुख हैं। इन रोगों में महिलाएं अपने संकोची स्वभाव के कारण परिवार में इस बीमारी का जिक्र तक नहीं करती। जब यह बीमारी भयानक रूप धारण कर लेती है तब मजबूरीवश इस बीमारी का ईलाज करवाने की कोशिश की जाती है जोकि अक्सर नाकामयाब रहती है। उन्होंने कहा कि गलत खान-पान तथा नियमित रूप से व्यायाम न करने के कारण भी लगातार कैंसर के मरीज बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमें हमेशा मौसमी फलों का सेवन करना चाहिये। इसके साथ-साथ हरी पत्तेदार सब्जियां व संतुलित भोजन के साथ.साथ कम से कम 40 मिनट तक व्यायाम आदि करके कैंसर से बचा जा सकता है।
उन्होंने कहा कि यह बीएलके हॉस्पिटल की यह कैंसर ओपीडी रोहतक के मरीजों के लिए वरदान सिद्ध होगी तथा इससे मरीजों को दिल्ली जाने की समस्या भी समाप्त हो जायेगी।