सेंटर फॉर सोशल रिसर्च और होंडा ने गुरुग्राम में अपने “महिला सुरक्षा गार्ड प्रशिक्षण कार्यक्रम” की शुरुआत की

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Gurugram News, 24 Oct 2018 : सेंटर फॉर सोशल रिसर्च, नई दिल्ली ने होंडा टूव्हीलर्स के साथ मिलकर गुरुग्राम के मिनी सेक्रेटेरिएट में एक अनूठे वीमेन्स सिक्यूरिटी गार्ड ट्रेनिंग प्रोग्राम की शुरुआत की है। 45 दिन के कौशल आधारित प्रशिक्षण प्रोग्राम से हाशिए पर कर दिए गए समाज के 18 साल से ऊपर की महिलाओं को रोजगार मिलेगा। इस प्रोग्राम में प्रैक्टिकल और थ्योरी क्लास शामिल है। इसके साथ सॉफ्ट स्किल का विकास करने वाली कक्षाएं भी आयोजित होंगी। यह सेक्टर स्किल कौनसेल (एसएससी) और प्राइवेट सिक्यूरिटी एजेंसी रेगुलेशन ऐक्ट, 2005 (पीएसएआरए) के तहत प्रमाणित है। इस कार्यक्रम का लक्ष्य भारत में महिलाओं की सुरक्षा के लिए प्रशिक्षित सिक्यूरिटी गार्ड्स की संख्या बढ़ाना है।

सेंटर फॉर सोशल रिसर्च की डायरेक्टर, डॉ. रंजना कुमारी ने कहा, “समय आ गया है कि हम महिलाओं के खिलाफ चल रहे अपराध के मामलों पर करीब से नजर डालें और आंकड़ों पर विचार करें। महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए देश में प्रशिक्षित महिला सुरक्षा कर्मियों की संख्या बढ़ाना जरूरी है। यह एक ऐसा प्रशिक्षण कार्यक्रम है जो उन महिलाओं के लिए भी रोजगार के दरवाजे खोलेगा जो भिन्न कारणों से पढ़ाई पूरी नहीं कर पाईं। इनमें आर्थिक सहायता की कमी, परिवार का दबाव, विवाह आदि शामिल हैं। यह कार्यक्रम निश्चित रूप से देश के सभी सार्वजनिक स्थलों पर प्रशिक्षित महिला सुरक्षा कर्मियों की संख्या बढ़ाने में मददगार होगा।

महिलाओं के लिए सुरक्षा गार्ड के प्रशिक्षण में थ्योरी क्लासेज होते हैं। इसके तहत प्रशिशु सुरक्षा क्षेत्र के बारे में जानेंगी। इस तरह, परिचालन से संबंधित प्रशिक्षण सुरक्षा जिम्मेदारियों को संचालित करने वाले बुनियादी सुरक्षा व्यवहारों, नियामक और कानूनी आवश्यकताओं के अनुपालन में होगा। इसके बाद प्रशिक्षुओं को शारीरिक गतिविधियों में हिस्सा लेना होगा। इनमें रस्सी पर चढ़ना, दौड़ना, बाधा आदि शामिल है। इसका मकसद उनकी शारीरिक क्षमता बढ़ाना है। अन्त में उन्हें सॉफ्ट स्किल ट्रेनिंग दी जाएगी ताकि सुनिश्चित किया जा सके कि प्रशिक्षुओं को अधिकारियों, ग्राहकों और क्लाइंट से चर्चा करना आए। उन्हें उपयुक्त बॉडी लैंग्वेज, अंग्रेजी के सामान्य मुहावरों, कंप्यूटर पर डाटा एंट्री आदि की भी सीख दी जाएगी।

वैसे तो देश की आधी आबादी महिलाओं की है पर उनकी सुरक्षा के लिए कुछ खास नहीं किया गया है। नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो (एनसीआरबी) ऑफ इंडिया की 2016 की रिपोर्ट के मुताबिक, महिलाओं के खिलाफ अपराध में पिछले 10 वर्षों में 83 प्रतिशत वृद्धि हुई है। मीडिया की रिपोर्ट से संकेत मिलता है कि भारत महिलाओं के लिए सबसे खतरनाक देशों में एक है क्योंकि यहां महिलाओं और छोटे बच्चों के खिलाफ यौन उत्पीड़न और हिसां का जोखिम बहुत ज्यादा है।

सर्टिफिकेट कोर्स सफलतापूर्वक पूर्ण होने पर होंडा इस कार्यक्रम की छात्राओं के लिए प्लेसमेंट सपोर्ट की गारंटी देता है और भिन्न सुरक्षा एजेंसियों के लिए इसकी शुरुआत पहले ही बैच से हो जाएगी।

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