डब्ल्यूडब्ल्यूई जैसी प्रतियोगिताओं से हमारे खिलाडिय़ों को मिलेंगे वैश्विक मौके : कविता देवी
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Rohtak News, 17 Jan 2019 : महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय के स्र्पोट्स कॉम्पलेक्स में आज डब्ल्यूडब्ल्यूई रेसलिंग प्रतियोगिता के लिए आज ट्राई आऊट (चयन प्रक्रिया) का शुभारम्भ साऊथ एशियन गेम्स में स्वर्ण पदक विजेता कविता देवी ने किया। इस अवसर पर आयोजित पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि अब भारत के खिलाडिय़ों को डब्ल्यूडब्ल्यूई जैसी वैश्विक रेसलिंग में भाग लेने का मौका मिल सकेगा। इसके लिए देश का कोई भी खिलाड़ी 27 जनवरी तक वेबसाईट डब्ल्यूडब्ल्यूईपरफ ॉमेंससेंटर.कॉम पर रजिस्टर कर भाग ले सकते हैं। इसके फायनल ट्राईआऊट मुम्बई में 3 से 5 मार्च तक होंगे तथा मुख्य मुकाबले विदेशों में होंगे।
इस अवसर पर चयन समिति के सदस्य केविन ने बताया कि, आज के ट्राईआऊट में 105 खिलाडिय़ों ने अपनी प्रतिभा दिखाई है। चुने हुए सभी प्रतिभागियों का फाईनल ट्राईआऊट 3 से 5 मार्च को मुंबई में होगा तथा वहां से जो प्रतिभागी मैदान में बचेंगे उन्हें अमेरिका के फ्लोरिडा स्थित डब्ल्यूडब्ल्यूई परफार्मेंस सेंटर में प्रशिक्षण दिया जायेगा तथा उनकी क्षमताओं को बढ़ाया जायेगा।
इस अवसर पर डब्ल्यूडब्ल्यूई के निदेशक कैनयॉन सिमैन ने सभी प्रतिभागियों का परिचय लिया तथा उनका पंजीकरण करवाया।
कविता देवी ने कहा कि, वे हरियाणा के जींद जिले के एक छोटे से गांव मालवी से निकलकर डब्ल्यूडब्ल्यूई जैसी वैश्विक प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक जीत चुकी हैं। उन्होंने कहा कि आज के दौर में हमारी बेटियां हर क्षेत्र में अपना परचम लहरा रही हैं। डब्ल्यूडब्ल्यूई जैसी प्रतियोगिताओं में भाग लेने के लिए काफी संख्या में लड़कियां आगे आ रही हैं। उन्होंने कहा कि ऐसी प्रतियोगिताओं से हमारे खिलाडिय़ों को वैश्विक मौके मिलेंगे।
उन्होंने कहा कि मैं पहली भारतीय महिला हूं जिसने इस प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक जीता है तथा मेरा एक सपना रहा है कि हमारे देश की बाकी लड़कियां भी इस क्षेत्र में भाग लेकर अपने देश का नाम रोशन करें। डब्ल्यूडब्ल्यूई ने आगे आकर हमारी लड़कियों व लडक़ों को वो मौके दिये हैं जिससे वे आगे बढ़ सकें। भारत ऐसा देश है जहां डब्ल्यूडब्ल्यूई को काफी पसंद किया जाता है। बच्चा-बच्चा इस खेल को टीवी के माध्यम से देखता है तथा इसमें भाग लेना चाहता है। उन्होंने बताया कि 18 वर्ष से ऊपर का कोई भी व्यक्ति इसमें भाग ले सकता है। उन्होंने कहा कि ये मिट्टी वाली कुश्ती नहीं बल्कि विश्वस्तरीय खेल है तथा चयन के समय इसमें स्टेमिना, इंडोरेंस, परफार्मेंस सब देखा जाता है। उन्होंने कहा कि हमारे देश में एक से बढकऱ एक प्रतिभा है तथा इसमें सभी के लिए मौका उपलब्ध करवाया जायेगा। जैसे-जैसे बच्चे इसमें भाग ले रहे हैं उससे यह मुकाबला काफी मुश्किल होगा।
कविता देवी ने कहा कि डब्ल्यूडब्ल्यूई स्टार बनने का मतलब है कि दुनिया उसे जानती है तथा उसके जैसा बनने की कोशिश करती है। उन्होंने बताया कि यह बहुत मुश्किल प्रतियोगिता होती है जिसके लिए कड़ी मेहनत, डाईट तथा जोश दिखाना पड़ता है। उन्होंने बताया कि वे देशी खाना पसंद करती हैं तथा विदेशों में रहने के कारण नॉन वेज से भी परहेज नहीं करती हैं। सुबह की शुरूआत दलिया से करती हैं तथा दिन में पनीरए दूधए दही आदि सहित पूरी डाईट लेती हैं।