Kaithal News : एनजीटी और सरकार की कड़ाई के बावजूद धड़ल्ले से हरियाणा में पराली जलाई जा रही है। जिले में पराली जलाने पर 112 किसानों से 3 लाख 15 हजार का जुर्माना वसूला गया और 35 किसानों को नोटिस जारी कर जबाब मांगा गया है।
सुप्रीम कोर्ट तथा नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) की सख्ती का असर हरियाणा सरकार पर पड़ना शुरु हो गया है। हरियाणा में पराली जलाने के मामलों पर सख्ती शुरु हो गई है। प्रदेश भर में मुहिम छेड़ दी गई है। अकेले कैथल में अब तक 112 किसानों की पहचान हो चुकी है जो पराली जलाते हुए पाए गए। कृषि विभाग ने उन किसानों पर जुर्माना लगाया है और अब तक 3 लाख 15 हजार का जुर्माना वसूल किया गया है और इसके इलावा 35 किसानों को पराली जलाने पर नोटिस जारी कर जबाब मांगा गया है। किसानों द्वारा धड़ल्ले से जलाई जा रही धान की पराली के कारण आसमान पर धुएं की चादर चढ़ गई है। गत 2-3 दिनों से छाई इस धुंध के कारण पूरा दिन सूरज दिखाई नहीं दिया।
अब तक की सरकारी कार्रवाई
गौरतलब है कि नैशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल की ओर से हर साल पराली जलाने के कारण पैदा होने वाले प्रदूषण को देखते हुए इस बार सरकार को इस समस्या का उचित निपटारा करने के निर्देश दिए गए थे। इसके चलते हरियाणा की ओर से किसानों पर सख्ती की गई। जिला स्तर पर टीमों का गठन किया गया, जो पराली जलाने वाले किसानों पर लगातार नजर रख रही हैं। जिले में अब तक पराली को आग लगाने के 105 से अधिक मामले सामने आ चुके हैं व संबंधित किसानों के खिलाफ प्रशासन की ओर से बनती कार्रवाई भी की जा रही है, लेकिन इस सबके बावजूद पराली जलाने का काम भी लगातार चल रहा है।
किसानों से की गई अपील
आसमान में छाए स्मॉग को डीसी सुनीता वर्मा ने तहसीलदार व पटवारियों को अपने-अपने गांव का दौरा कर पराली न जलाने को लेकर किसानों को जागरूक करने के आदेश जारी किए हैं।
कृषि विभाग द्वारा गत 22 सितम्बर से किसानों को जागरूक करने के लिए वैन भी लगाई गई है जो धान के बचे अवशेषों को किसान नष्ट न करें इसके लिए किसानों को जागरूक कर रही है। इसके साथ-साथ सरपंच के माध्यम से मुनादी करवाकर किसानों को जागरूक किया जा रहा है।