Chandigarh News : जाटों द्वारा बीते फरवरी में अपनी मांगों को लेकर दिए जा रहे धरनों को लेकर विकट स्थिति पैदा होने की संभावना जता पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में इसी वर्ष फरवरी में दायर याचिका में आल इंडिया जाट आरक्षण समिति के प्रैजीडैंट यशपाल मलिक को हाईकोर्ट ने प्रतिवादी पक्ष के रूप में नोटिस जारी किया है। इससे पहले उन्हें भेजे सम्मन तामील न होने के चलते हाईकोर्ट ने यह नोटिस जारी किया है।
केस की अगली सुनवाई 10 नवम्बर को होगी। दायर याचिका में मांग की गई थी कि प्रतिवादी पक्ष को आदेश दिए जाएं कि वह सुनिश्चित करे कि नैशनल हाईवे, स्टेट हाईवे, राज्य में आते रेल ट्रैक आंदोलनकारियों द्वारा रोके न जाएं। वहीं ऐसे आंदोलनकारियों पर नैशनल हाईवे एक्ट, 1956 के तहत कार्रवाई की मांग की गई थी। वहीं कहा गया था कि प्रतिवादी पक्ष को राज्य भर में पब्लिक आर्डर को बनाए रखने के लिए रोकथाम संबंधी उपाय करने के आदेश दिए जाए।
सड़कें, रेलवे ट्रैक आदि जाम न हों और पब्लिक आम से चल फिर सके। वहीं संपत्ति को नुक्सान न पहुंचे। पंचकूला के एम.डी.सी. कॉम्प्लैक्स के अरविंद सेठ ने केंद्र सरकार, मिनिस्ट्री ऑफ रेलवे के सैक्रेटरी, एन.एच.ए.आई. के सैक्रेटरी, हरियाणा सरकार, डी.जी.पी. हरियाणा, हरियाणा होम डिपार्टमैंट के एडिशनल चीफ सैक्रेटरी व आल इंडिया जाट आरक्षण समिति को पार्टी बनाया था।