Sonipat News, 11 April 2019 : श्री बालाजी एक्शन मेडिकल इंस्टीट्यूट में कार्डियोवास्कुलर साइंसेज के डायरेक्टर डॉ. अमर सिंघल के अनुसार, भारत में लगभग 10.8 प्रतिशत मौतें उच्च रक्तचाप व इसकी जटिलताओं के कारण होती है। उच्च रक्तचाप से विकलांगता और हृदय रोग हो सकते हैं, तथा इसके कारण लोगों के जीवन की गुणवत्ता कम हो सकती है। पहले उम्र के 50वें और 60वें दशक में जी रहे कुछ लोगों को उक्त रक्तचाप या हाइपरटेंशन की जो समस्या प्रभावित करती थी, वह अब भारत में युवा पीढ़ी को प्रभावित करने लगी है। 2020 तक लगभग एक तिहाई भारतीय आबादी इस कंडीशन से प्रभावित होगी, ऐसा अनुमान है। आगे डॉ. सिंघल ने कहा कि, हाइपरटेंशन में कोई लक्षण नहीं दिखाई देते जबकि, यह अंतर्निहित बीमारी का संभावित कारण बन सकता है। उच्च रक्तचाप हृदय पर अधिक भार डालता है, जिससे रक्त पंप करने के लिए हृदय को दोगुना परिश्रम करना पड़ता है। इसके कारण हृदय का आकार फैलने लगता है, वो कमजोर हो जाता है, और दिल की विफलता भी हो सकती है। डॉ. सिंघल ने आगे कहा, जीवनशैली में बदलाव उच्च रक्तचाप को प्रबंधित करने और रोकने में महत्वपूर्ण हैं, और साथ ही इससे जुड़ी हृदय समस्याओं के लिए भी। उन लोगों को दवाओं की आवश्यकता हो सकती है, जिनमें स्थिति नियंत्रण से बाहर हो गयी हो। यदि हृदय रोग विकसित होता है, और जटिलताएं पैदा होती हैं, तो उपचार व सर्जरी की सलाह दी जा सकती है। उच्च रक्तचाप को रोकने के लिए कुछ सुझाव : नियमित रूप से व्यायाम करें, ऐसा आहार खाएं जिसमें फल, सब्जियां और साबुत अनाज भरपूर हों, योग और ध्यान के माध्यम से तनाव कम करें।