Chandigarh News : हरियाणा की खट्टर सरकार ने आंदोलनरत करीब दस हजार एनएचएम कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया है। मांगों को लेकर धरने पर डटे अनुबंध कर्मी जब नोटिस जारी करने के बाद भी ड्यूटी पर नहीं लौटे तो सरकार ने ये कड़ी कार्रवाई कर दी।
सरकार ने धरने पर बैठे सभी एनएचएम कर्मचारियों को ड्यूटी पर लौटने को कहा था, लेकिन जब अनुबंध कर्मियों ने अपना धरना जारी रखा तो ये कार्रवाई कर दी गई। हरियाणा स्वास्थ्य विभाग की ओर से सभी जिलों में शुक्रवार शाम से सीएमओ ने हड़ताली कर्मियों को 24 घंटे के भीतर ड्यूटी पर लौटने के नोटिस थमाने शुरू कर दिए थे, लेकिन कर्मचारी ड्यूटी पर नहीं आए। हरियाणा एनएचएम कर्मचारी संघ संबंधित भारतीय मजदूर संघ की सरकार से बातचीत बेनतीजा रही। रविवार को दोबारा एमडी एनएचएम अमनीत पी कुमार से बातचीत होनी थी, लेकिन कर्मियों के रुख में कोई बदलाव न आने पर इसे स्थगित कर दिया गया। कर्मचारियों ने हड़ताल जारी रखने का निर्णय लिया है तो सीएमओ ने रविवार शाम से बर्खास्तगी के पत्र जारी करना शुरू कर दिए। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की निदेशक अमनीत पी कुमार ने इसकी पुष्टि की है।
‘बर्खास्तगी के बाद भी ड्यूटी आये अनुबंध कर्मी’
अमनीत पी कुमार ने बताया कि जिलों में सीएमओ ने धरने पर बैठे कर्मियों की सेवाएं समाप्त करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। कर्मियों की हड़ताल से प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाएं बाधित हो रही हैं। इससे होने वाली किसी भी अप्रिय घटना को सरकार सहन नहीं कर सकती।
अनुबंधित एनएचएम कर्मियों के हड़ताल पर जाने से कई जगह एंबुलेंस चालक नहीं है, तो कहीं डिलीवरी के लिए एएनएम नहीं, टीकाकरण के लिए भी कर्मचारी मौजूद नहीं हैं। इसीलिए सरकार कोई रिस्क नहीं ले सकती। सरकार कर्मियों से अब भी अनुरोध करती है कि वो ड्यूटी पर लौट आएं। अन्यथा, विकल्प के तौर पर जल्दी नई भर्ती की जाएगी।