Karnal News : हरियाणा के मुख्यमंत्री ने मधुबन पुलिस अकेडमी में पहुंच कर 17 साल का पुराना रिकॉर्ड तोड़ा है। यहां उन्होंने अकेडमी में प्रशिक्षणार्थियों का संबोधित किया। वहीं गीता जंयती पर हुए खर्च को फिजूलखर्ची बताए जाने पर तीखा बयान दिया। राष्ट्रीय स्तर पुलिस सेवा का प्रशिक्षण देने वाली करनाल की मधुबन पुलिस एकेडमी में 17 साल के बाद कोई मुख्यमंत्री पहुंचा है। आपको बता दें, इस एकेडमी को लेकर यह मिथक भी था कि, जो भी यहां आता है उससे उसका पद छिन जाता है, इसी वजह से पिछले 17 सालों में यहां पर कोई मुख्यमंत्री नहीं आए।
मुख्यमंत्री ने इस दौरान प्रशिक्षणार्थियों व अधिकारियों, कर्मचारियों आदि संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि, पुलिस और आम नागरिक के बीच मित्रवत व्यवहार होना चाहिए। इसलिए हमने प्रदेश में मित्रकक्ष खोले हैं, ताकि, जनता और पुलिस के बीच कोई डर न रहे। उन्होंने कहा कि, मधुबन पुलिस अकेडमी को लेकर मिथक फैला हुआ था कि, जो भी मुख्यमंत्री एकेडमी में आता है उसकी कुर्सी नही रहती है, और इस मिथक को तोडऩे के लिए वो यहां पहुंचे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि, इस भ्रम को तोड़ा है मैंने सोचा था कि, किसी ना किसी तरह से यहां पहुंच कर इस भ्रम को तोडऩा है और आज 17 साल बाद इस भ्रम को तोड़ कर मुझे प्रसन्नता हुई है। उन्होंने कहा कि, यह जगह पवित्र है, इस ट्रेनिंग संस्थान से पुलिस के कर्मचारी प्रशिक्षण प्राप्त करते हैं, ये जगह अशुभ नहीं हो सकती।
वहीं गीता की किताबों पर फिजूलखर्ची के आरोपों पर मुख्यमंत्री ने कहा कि, ये कोई फिजूलखर्ची नहीं है। हमने प्रतीक्षित कम्पनी से गीता की एक पुस्तक 37900 में खरीदी है और जो लोग गीता के मायने नहीं जानते वहीं इसे फिजूलखर्ची बता रहे हैं।