डेरे के स्कूल-अस्पताल की NOC नहीं, फिर कैसे हुआ निर्माण

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Chandigarh News : साध्वियों से रेप केस में डेरा चीफ राम रहीम को 20 साल की सजा होने के बाद सिरसा डेरे में जांच के लिए सर्च ऑपरेशन चलाया गया था। इस मामले पर बुधवार को हाईकोर्ट में सुनवाई हुई।

सुनवाई के दौरान कोर्ट कमिश्नर अनिल कुमार पंवार ने कहा कि रिपोर्ट तैयार है लेकिन इंडेक्स पेंडिग है। रिपोर्ट पेश करने के थोड़ा और समय दिया जाए। कमिश्नर ने कहा कि डेरे की जांच के दौरान आपत्तिजनक कुछ नहीं मिला। हाईकोर्ट ने डेरे की आय बारे में केंद सरकार के वकील से पूछा क्या कभी डेरे की आय की जांच करवाई गई। वकील ने कोर्ट को बताया कि डेरा प्रमुख मनी लॉड्रिंग का काम भी करता था लेकिन केंद्रीय जांच एजेंसियों ने कोई जांच नहीं की।

डेरा पर ये भी आरोप है कि डेरे में सभी निर्माण आबादी देह में है। किसी निर्माण की टाउन एंड कंट्री प्लानिंग व सरकार से परमिशन नहीं ली गई। फैक्ट्री, अस्पताल, स्कूल आदि के लिए एन.ओ.सी नहीं ली गई। कमिश्नर ने कहा जांच केवल पोस्टमॉर्टम थी।

कोर्ट ने कहा कि सिरसा में जो 18 एफआईआर दर्ज की गईं। उनकी जांच एसआईटी को करनी चाहिए। कोर्ट ने दोनों राज्यो को सलाह दी कि मुआवजा देने के लिए वो ट्रिब्यूनल का गठन करें। जिन बच्चों ने लाखों रुपये फीस दी है वो क्यों इस मामले में सजा भुगतें। कोर्ट ने डेरे के स्कूल व संस्थानों के लिए प्रशासक नियुक्त करने का संकेत दिया।

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