Chandigarh News : हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि दक्षिण हरियाणा में दूर-दराज तक नहरों की टेल तक पानी पहुंचाने के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध है। इस इलाके की लाइफलाइन जवाहर लाल नेहरू फीडर के जीर्णोद्धार करते हुए 143 करोड़ रुपए की योजना को धरातल पर उतारा गया। इतना ही नहीं रेवाड़ी जिला में साहबी नदी पर बने मसानी बैराज में भी पिछले दो वर्ष से लगातार 30 हजार एकड़ फीट तक पानी भरा जा रहा है। मुख्यमंत्री ने आज यह बात झज्जर जिला के साल्हावास में जेएलएन फीडर का निरीक्षण करने के उपरांत संवाददाताओं से बातचीत में कहीं।
श्री मनोहर लाल ने साल्हावास में पंप हाऊस का निरीक्षण करने के साथ ही झज्जर में 1.95 करोड़ रुपए से अधिक लागत में नवनिर्मित नीर-स्वर्ण जयंती विश्राम गृह का उद्घाटन किया तथा साल्हावास गांव में सोलर पंप सेट लगाकर ऊर्जा संरक्षण व सूक्ष्म सिंचाई पद्धति से खेतीबाड़ी करने वाले किसान सुखबीर पुत्र रामनारायण के खेत में इलाके के किसानों से भी मिले। मुख्यमंत्री ने पंप हाऊस का निरीक्षण करते हुए 102 वर्षीय कंवर सिंह निवासी रिढ़ाऊ (सोनीपत) को भी शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया। बता दे कि जेएलएन फीडर केनाल के लिए वर्ष 1939 में आरंभ हुई खुदाई में कंवर सिंह ने मात्र छह पैसे प्रतिदिन पारिश्रमिक पर काम किया था।
मुख्यमंत्री ने मीडियाकर्मियों से रूबरू होत हुए कहा कि हरियाणा के पास पानी की कमी जरूर है लेकिन जितना पानी उपलब्ध है अगर उसका उचित प्रबंधन किया जाए तो हम बारिश के दिनों में अपने तालाबों और रिजर्वायर आदि को भर कर आवश्यकता पडऩे पर इस्तेमाल कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि पानी की कमी को दूर करने के लिए हाल में हरियाणा सहित छह राज्यों ने लखवार डैम को लेकर सांझा सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किए है। यह डैम दो वर्ष में बनकर तैयार होगा और इसके पानी में हरियाणा की हिस्सेदारी 47 हिस्सेदारी होगी। जेएलएन फीडर के जीर्णोद्धार की जानकारी देते हुए बताया कि इस फीडर के 1977 में निर्माण केउपरांत वर्तमान सरकार के कार्यकाल में पहली बार पुनर्विकास पर 143 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया। साल्हावास पंप हाऊस से लिफ्ट करते हुए जेएलएन के महेंद्रगढ़ जिला में नांगल चौधरी तक अंतिम टेल की ऊंचाई 460 फीट पर पानी पहुंचाया जाता है।
श्री मनोहर लाल ने बताया कि साल्हावास से टेल तक 10 पंप हाऊस है। सभी का जीर्णोद्धार करने से नहर में पानी की क्षमता भी बढ़कर 3100 क्यूसिक हो गई। साथ ही हरियाणा के दक्षिण में साहबी, कृष्णावती, दोहान नदियों को जीवंत करने का सफल प्रयास हुआ और भूजल रिचार्ज से अनेक गांव लाभांवित हुए। इसके उपरांत मुख्यमंत्री ने साल्हावास में सौर ऊर्जा व सूक्ष्म सिंचाई अपनाने वाले किसानों से बातचीत की। झज्जर जिला के साल्हावास खण्ड में नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा विभाग की ओर से पायलट प्रोजेक्ट के तहत 565 किसानों को 90 फीसदी अनुदान पर सौर ऊर्जा संचालित पप सेट दिए गए। करीब 20 करोड़ रुपए की इस परियोजना पर सरकार ने 18 करोड़ रुपए अनुदान दिया है। सौर ऊर्जा आधारित तकनीक अपनाने पर मुख्यमंत्री ने किसानों को बधाई भी दी।
कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री ओमप्रकाश धनखड़ ने भी जेएलएन के पुननिर्माण कार्य पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए बताया कि उनके सिंचाई मंत्री रहते हुए यह योजना शुरू की गई थी। आज इस योजना को धरातल पर साकार होते देखना खुशी की बात है। इस योजना से प्रदेश के अंतिम छोर पर बैठे किसान को भी इसके पानी में हिस्सेदारी मिलेगी। मुख्यमंत्री व कृषि मंत्री का किसानों ने साल्हावास पहुंचने पर पगड़ी बांध कर स्वागत किया।
इस अवसर पर बहादुरगढ़ से विधायक नरेश कौशिक, कोसली के विधायक एवं पूर्व मंत्री बिक्रम सिंह यादव, भाजपा जिला अध्यक्ष बिजेद्र दलाल, जिला परिषद के चेयरमैन परमजीत सौलधा, उपाध्यक्ष योगेश सिलानी, पूर्व मंत्री कांता देवी, सुनीता चौहान, धर्मेंद्र बब्लू, सीमा दहिया, अनिल मातनहेल, माया देवी जिला पार्षद, प्रकाश धनखड़, राजपाल शर्मा, रामकुमार राजौरा, अजय तंवर, प्रेम सुबाना, जगबीर सुहाग, नरेंद्र जाखड़, जयप्रकाश मंडल अध्यक्ष, महेश शर्मा, महेंद्र यादव, कृष्ण चंद्र, किसान मोर्चा के जिला अध्यक्ष पवन छिल्लर आदि गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।
वहीं सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग के चीफ इंजीनियर डा. सतबीर सिंह कादियान, उपायुक्त सोनल गोयल, पुलिस अधीक्षक पंकज नैन, अतिरिक्त उपायुक्त सुशील सारवान, उपमण्डल अधिकारी (ना.)विजय सिंह, नगराधीश अश्विनी कुमार, अधीक्षण अभियंता आरसी सौलखा, कार्यकारी अभियंता प्रवीण दहिया, एसके यादव, अजेंद्र सुहाग, अरूण मुंजाल, डीएसपी अजमेर सिंह, भगत राम आदि प्रशासनिक अधिकारी भी उपस्थित रहे।