Sonipat News : 2012 में हुए जेल ब्रेक कांड के बाद सोनीपत जिला कारागार एक बार फिर सुर्खियों में है। इस बार जिला कारगार में चल रही बंदी कल्याण कैंटीन में बड़े स्तर पर फर्जीवाड़ा किए जाने का दावा किया गया है। ये आरोप सोनीपत जिला कारगार में 2006 से फरवरी 2012 तक बंदी रहे राजेंद्र निवासी नांगल कलां ने लगाए हैं।
सोनीपत जेल में 2006 से 2012 तक बंदी रहे राजेंदर नाम के शख्स ने कहा कि जिला कारगार में बंदी कल्याण कैंटिन खोली गई है लेकिन इस कैंटीन में वेलफेयर के नाम पर बंदियों का आर्थिक शोषण हो रहा है। जेल प्रशासन बंदी कल्याण कैंटीन पर सरकार द्वारा बंदियों को मुफ्त दी जाने वाली वस्तुओं व खाद्य सामग्री को गैर कानूनी तरीके से बेचता है और मोटा लाभ कमाता है।
राजेंदर ने आरोप लगाया कि जेल प्रशासन बंदी कल्याण कैंटीन पर 100 रुपए का सामान बेचकर रिकॉर्ड में 10 रुपए बिक्री का स्टेटमेंट तैयार करता है। इस तरह से बंदियों को मुफ्त मुहैया करवाने वाली वस्तुओं को बंदी कल्याण कैंटीन पर 90 प्रतिशत गैर कानूनी बिक्री होती है। बंदी ने आरोप लगाया कि यह सब वर्ष 2006 से 2011 तक हुआ है।
बंदी राजेंद्र ने आरोप लगाया कि जेल प्रशासन द्वारा बंदी कल्याण कैंटीन के लिए कूपन ही 10 प्रतिशत राशि के मंगवाए जाते हैं। नियमावली यह कहती है कि एक बार चलन के बाद कूपन नष्ट हो जाना चाहिए लेकिन जेल प्रशासन यह कूपन नष्ट नहीं करता। कैंटीन कूपनों को 90 प्रतिशत सर्क्यूलेट कर सरकार द्वारा बंदियों को मुफ्त दी जाने वाली वस्तुओं को गैर कानूनी तरीके से अपनाकर बिक्री करता है। आरोप लगाया कि यह सब बड़े अधिकारियों की शह पर हो रहा है। ऐसा इसलिए क्योंकि उसे इसकी शिकायत किए काफी समय हो गया है, लेकिन कार्रवाई नहीं हो रही।
राजेंद्र ने जो आरोप जेल प्रशासन पर लगाए हैं, उनसे संबंधित उसने काफी रिकॉर्ड आरटीआई के जरिये मांगा है लेकिन कई जानकारी जेल प्रशासन ने नहीं दी। कारण बताया गया कि रिकॉर्ड तो दीमक खा गई। राजेंद्र ने 9 अप्रैल 2013 को लिखी अपनी शिकायत में स्पष्ट किया था कि मामले में तुरंत कार्रवाई की जाए ताकि संबंधित रिकार्ड व सबूतों को नष्ट करने का संबंधित को समय न मिल सके। राजेंद्र का आरोप है कि जेल में बंदियों के रिकॉर्ड को रखने में भी घोर लापरवाही हुई या फिर यह किसी साजिश तहत किया गया। इसकी भी जांच होनी चाहिए।
वही इस पूरे मामले में जेल मंत्री कृष्णलाल पंवार ने कहा कि सोनीपत जेल की कैंटीन में गड़बड़ी का मामला अभी मेरे संज्ञान में आया है। इसकी एसआईटी गठित कर जांच करवाई जाएगी। जांच में जो दोषी मिलेगा उस पर कार्रवाई होगी चाहे वह कितना भी बड़ा अधिकरी क्यों न हो।