पराली के धुएं से बचने के लिए सरकार ने किया 12 करोड़ खर्च करने का ऐलान

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Chandigarh News : मुख्य सचिव डीएस ढेसी ने गुरुवार को बताया कि किसानों द्वारा पराली जलाने के जलाने के कारण हो रहे पर्यावरण और स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं का सामना कर रही हरियाणा सरकार ने गुरुवार को राज्य में फसल के अवशेष के प्रबंधन के लिए 12 करोड़ रुपये खर्च करने की घोषणा की है।

मुख्य सचिव ढेसी ने कहा इसमें हैप्पी सीडर्स, स्ट्रॉ बाइलर्स और स्ट्रॉ रिपर्स की खरीद के लिए सब्सिडी शामिल भी शामिल होगी। उन्होंने बताया कि “2016-17 के दौरान, 1,462 स्ट्रॉ रिपर्स और 68 हैप्पी सीडर्स की खरीद आरकेवीवाई के तहत सब्सिडी में हुई थी। 2017-18 के दौरान 2,433 स्ट्रॉ रिपर्स, 231 हैप्पी सीडर्स और 38 स्ट्रॉ बैलर्स की खरीद के लिए प्रावधान किया गया है।”

मुख्य सचिव डीएस ढेसी ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि हरियाणा और पंजाब में इस खरीफ सत्र में भरपूर धान की फसल होने की उम्मीद है – इसके 2.25 करोड़ टन से अधिक होने की संभावना है। फसल के अवशेषों पर चिंताएं व्यक्त की जा रही हैं जो अगले फसल की बुआई के लिए अपनी जमीन तैयार करने के लिए किसानों द्वारा जलाए जाएंगी।

हाल के वर्षों में केन्द्रीय और राज्य सरकार ने किसानों को चेतावनी देने, उनके उनके खिलाफ मामला दर्ज करने, और जबरन फसल जलाने को लेकर जागरूकता पैदा करने जैसे कई कदम उठाने की कोशिश की है लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। यहां तक कि राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) भी पंजाब और हरियाणा में अवशेषों को जलाने के खिलाफ उतर आया है, लेकिन दोनों राज्यों के किसानों का कहना है कि अवशेषों को जलाने से बचने के लिए उनके पास कुछ विकल्प उपलब्ध हैं।

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