Health News : अपनी सेहत को लेकर किसे चिंता नहीं होती है। आजकल तेजी से फैल रही बीमारियों से हर कोई परेशान है। सभी चाहते हैं एक सही डाइट को फॉलो करना। कुछ लोग डेली की भागदौड़ में ये नहीं समझ पाते हैं कि वो कैसा खाना-खा रहे हैं। हमारा मतलब है कि लो कार्बोहाइड्रेट वाला या हाई कार्बोहाइड्रेट वाला। हम आपको इस आर्टिकल के जरिये यही बताने जा रहे हैं कि कौन सी डाइट आपके लिये अच्छी होगी। जिससे आपको अपनी जिंदगी थोड़ा और जीने को मिलेगी।
एक रिसर्च में बताया गया है कि लो कार्बोहाइड्रेट भोजन, जिसे हम हाई फैट कंटेनिंग फूड कह सकते हैं जीवनवर्धन के लिये उपयोगी है। साथ ही यह आपके फिजिकल स्ट्रेंथ को भी बढ़ाता है। यह सिर्फ मनुष्यों के लिये ही नहीं बल्कि चूहों समेत कई अन्य जीवों की भी लाइफ स्पैन को बढ़ाता है। लो कार्बोहाइड्रेट वाले डाइट को हम केटोजेनिक डाइट भी कह सकते हैं। जो कि मनुष्य को दीर्घायु करने के साथ-साथ उसके ब्रेन की फंक्शनिंग को भी सही करती है। ये कहना है न्यूटरिशनिस्ट जॉन रामसे का। इनके द्वारा चूहों पर किया गया शोध सफल रहा जिसने इस बात की सत्यता को बताया कि केटोजेनिक डाइट आपको दीर्घायु करने में सहायक है, साथ ही साथ उम्र बढ़ने पर आपके ब्रेन की कार्यक्षमता को भी बढ़ाता है।
केटोजेनिक डाइट वह है जिसमें हमारे शरीर को भोजन न मिलने पर उसमें मौजूद ग्लूकोज शरीर को एनर्जी देता है। जिससे हमारे शरीर का एक्सेस फैट कम हो जाता है और उसकी एनर्जी वैसे की वैसे ही रहती है। इस प्रक्रिया को केटोइसिस कहते हैं। वैज्ञानिकों ने भी केटोजेनिक डाइट को हमारे शरीर के लिये अच्छा माना है।
इस रिसर्च के दौरान चूहों को तीन ग्रुपों में बांटा गया। जिसमें से एक ग्रुप था हाई कार्बोहाइड्रेट डाइट वाला, दूसरा था लो कार्ब वाला ग्रुप और तीसरा था केटोजेनिक डाइट वाला ग्रुप। जिसके अध्ययन के दौरान रिसर्चर ने पाया कि जो केटोजेनिक डाइट वाला चूहों का ग्रुप था उनकी लाइफ स्पैन काफी अधिक थी। साथ ही उनका दिमाग भी सहीं रूप से काम कर रहा था। यहां तक कि केटोसिस कैंसर के कारकों पर भी प्रभाव डालता है।
इसी के आधार पर उन्होंने यह निष्कर्ष निकाला है कि केटोजेनिक डाइट हमें दीर्घायु करने के साथ-साथ हमारे दिमाग को भी संतुलित रूप से सुचारू रखती है।