Health News : आजकल कई लोग नींद न आने के कारण परेशान दिखाई पड़ते हैं। यह एक बीमारी है जिसकी चपेट में दुनिया के 90 प्रतिशत लोग हैं जो कि किसी न किसी कारण से इस परेशानी से जूझ रहे हैं। इसके कारण को जानने के लिये यूनिवर्सिटी ऑफ मैरीलैंड स्कूल ऑफ मेडिसिन ने कुछ तथ्य ढूंढ निकाले हैं।
यूनिवर्सिटी के रिसर्चर्स ने पाया कि हमारे दिमाग में किन्यूरेनाइन नामक कंपाउंड एक एसिड जनरेट करता है जिसे हम किन्यूरेनिक एसीड कहते हैं। यह एसीड हमारे दिमाग में मौजूद होता है जो कि हमारे स्लीपिंग को इफैक्ट करता है।
रिसर्चर्स ने बताया कि जब यह एसिड हमारे दिमाग में ज्यादा जनरेट होने लगता है तो व्यक्ति शिजोफ्रनिया का शिकार हो जाता है, जोकि एक तरह का स्लीपिंग डिसआर्डर ही है। इस तरह की परेशानी से गुजरने वाले लोगों को अक्सर कमजोर मेमोरी की परेशानी होती है। साथ ही ऐसे लोगों को आसानी से कोई चीज समझ में नहीं आती है।
इसके लिये रिसर्चर्स ने चूहों पर एक्सपेरीमेंट किया। जिसके बाद उन्हें पता लगा कि दिमाग में पाया जाने वाला किन्यूरेनिक एसीड इसके लिये जिम्मेदार है जो कि नार्मल लेवल से ज्यादा होने पर सोने में तकलीफ पैदा करता है। इस दौरान आंखों की पुतलियों का मूवमेंट रूक जाता है और ज्यादातर सपने आने शुरू हो जाते हैं।