New Delhi News, 18 Sep 2021: भगवान महावीर देशना फाउंडेशन ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को उनके 71वें जन्मदिन पर बधाई देते हुए शाकाहार को बढ़ावा देने के लिए उनकी प्रशंसा में पत्र लिखा है। फाउंडेशन के निदेशक मंडल सुभाष ओसवाल जैन, सीए अनिल जैन, सीए राजीव जैन एवं मनोज जैन द्वारा संयुक्त रूप से लिखे इस पत्र में कहा गया है कि
जैन धर्म का मुख्य सिद्धांत ही अहिंसा है और प्रधानमंत्री शाकाहार के जरिये अहिंसा का पाठ ही पूरी दुनिया को पढ़ा रहे हैं।
प्रधानमंत्री को लिखे बधाई पत्र के बारे में मनोज जैन ने बताया कि ‘हिंसा दो प्रकार की है- भाव हिंसा और द्रव्य हिंसा। किसी जीव को मारना द्रव्य हिंसा और मारने या दुःख देने का विचारमात्र मन में आना हिंसा है। उन्होंने बताया कि जैन धर्म के अनुसार किसी चींटी तक को जानकर या प्रमादवश मारना हिंसा कही गई है। इसमें स्वयं हिंसा करना या दूसरों से करवाना अथवा इसका अनुमोदन करना भी हिंसा की कोटि में आता है। उन्होंने बताया कि जैन धर्म में जहां क्रोध, मान, माया अथवा लोभ के कारण किसी के मन को दुखाना भी हिंसा माना गया है, वहां मांसाहार के समर्थन का तो सवाल ही नहीं उठाता। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इन विचारों के पोषक एवं समर्थक हैं। दरअसल, शाकाहारी होने से ज़िंदगी के प्रति आपके नज़रिये में भी बदलाव आता है। यह सच प्रधानमंत्री के व्यक्तित्व एवं कार्यशैली को देखने से भी साफ पता चलता है। ऐसे में एक तरह से प्रधानमंत्री भी जैन धर्म के सिद्धांतों का ही देश—दुनिया में प्रसार कर रहे हैं। इसके लिए भगवान महावीर देशना फाउंडेशन उनका आभार जताता है।’
मनोज जैन ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का आज जन्मदिन है। उन्होंने अपने अब तक के सात साल के प्रधानमंत्री काल में न सिर्फ भारत की छवि को पूरी दुनिया में मजबूती प्रदान की है, बल्कि देश और दुनिया के लोगों को स्वस्थ रहने की भी सीख दी। चूंकि पीएम मोदी पूर्ण शाकाहारी हैं और यही उनके स्वस्थ रहने की सबसे बड़ी खासियत भी है। इसके अलावा प्रतिदिन योग समेत दूसरी एक्सरसाइज करना भी उनकी आदत एवं खासियत में शामिल है। अपने को तरोताजा रखते हुए दिन—रात की भागदौड़ का राज भी उनकी डाइट है। खास बात यह कि पीएम मोदी नवरात्र में पूरे नौ दिन व्रत रखते हैं। इस दौरान उनके डाइट चार्ट में केवल कुछ फल, पानी और नींबू पानी ही होता है। यहां तक कि नवरात्र के दौरान विदेश जाने पर भी वह अपनी इसी डाइट चार्ट का पालन करते हैं।