Jammu News : पाक अधिकृत कश्मीर को लेकर दिए गए बयान के बाद नेशनल कॉन्फ्रेंस लीडर फारुक अब्दुल्ला की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं। ताजा मामले में बिहार के एक अधिवक्ता की याचिका पर बेतिया की अदालत ने फारुक के खिलाफ देशद्रोह के तहत प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया है।
दरअसल, पाक अधिकृत कश्मीर पर विवादास्पद बयान देने के बाद नेशनल कॉन्फ्रेंस लीडर फारुक अब्दुल्ला राजनैतिक गलियारों में भी अलग-थलग पड़ गए हैं। देश के तमाम राजनीतिक दलों ने वरिष्ठ राजनेता को आड़े हाथों लेते हुए उनके बयान की कड़ी आलोचना की है।
नेशनल कॉन्फ्रेंस ने 40 साल पहले छोड़ी थी मांग
प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह ने भी फारूक अब्दुल्ला के बयान को अवसरवाद की राजनीति करार दिया। उन्होंने कहा कि नेशनल कॉन्फ्रेंस ने 40 साल पहले अपनी सामाजिक स्वायत्तता की मांग को छोड़ दिया था, जब शेख अब्दुल्ला ने खुद को मुख्यमंत्री के रूप में बहाल किया था और आसानी से भारतीय संविधान के सभी प्रावधानों को स्वीकार कर लिया था
बता दें कि फारुक इससे पहले भी ऐसे विवादास्पद बयान देते रहे हैं। उनके बयान पर राजद सुप्रीमो ने तो यहां तक कह दिया कि उनका दिमागी संतुलन ठीक नहीं है।
गैरजिम्मेदाराना बयान
अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली राजग की तत्कालीन केंद्र सरकार में मंत्री और जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री रह चुके अब्दुल्ला के बयान को रक्षा मामलों के जानकारों ने भी गैरजिम्मेदाराना करार दिया है।