New Delhi News : उच्चतम न्यायालय द्वारा दिल्ली एनसीआर में पटाखों व आतिशबाजी पर प्रतिबंध लगाने के फैसले से पहले जिन लोगों ने पटाखों की खरीद कर ली थी या जिनके पास पिछले वर्षों के पटाखे बचे हुए हैं, उनके लिए जिलाधीश विनय प्रताप सिंह ने आदेश जारी किए हैं जिसमें कहा गया है कि ऐसे लोग शाम 6 बजे से रात 10 बजे तक ही पटाखे जला सकते हैं।
आदेशों में कहा गया है कि कोई भी व्यक्ति रॉकेट, तेज गति से चलने वाली सूरे या अन्य घातक किस्म के एटम बोंब आदि नहीं चलाएगा। प्रत्येक पटाखा चलाने वाला व्यक्ति अपने पास मिट्टी से भरी हुई बाल्टी तथा पानी अवश्य रखेगा ताकि आग लगने पर उनका प्रयोग किया जा सके। जिलाधीश द्वारा अग्निशमन विभाग को भी किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के लिए फायर टेंडर तैयार रखने के आदेश दिए हैं।
जिलाधीश के आदेशों में कहा गया है कि शांति जोन अर्थात अस्पताल, शिक्षण संस्थान, न्यायालय, धार्मिक स्थल के 100 मीटर दायरे में पटाखों का प्रयोग निषेध रहेगा और कोई भी व्यक्ति वहां पर पटाखे नहीं चलाएगा। आतिशबाजी की वजह से होने वाली दुर्घटनाओं तथा अन्य आपात स्थिति से निपटने के लिए सभी अस्पताल, डिस्पेंसरी तथा नर्सिंग होम घायलों के लिए उपलब्ध रहेंगे। इसके अलावा, 125 डेसीबल या पटाखा फटने के चार मीटर दूरी पर 145 डेसीबल आवाज करने वाले पटाखों के चलाने पर भी प्रतिबंध लगाया गया है।
गुरुग्राम जिला के बादशाहपुर गांव के निकट नया गांव में बने इंडेन बाटलिंग प्लांट के 500 मीटर दायरे में भी आतिशबाजी करने पर प्रतिबंध लगाया गया है। इसी प्रकार, पेट्रोल पंप, सीएनजी पंप, गैस गोडाउन के 100 मीटर क्षेत्र में भी आतिशबाजी पर रोक रहेगी। ये आदेश जिलाधीश द्वारा 10 अक्तूबर को पटाखों की बिक्री के संबंध में धारा-144 के अंतर्गत जारी किए गए आदेशों की निरंतरता में जारी किए गए हैं।