Chandigarh News, 25 May 2021 : आम आदमी पार्टी के सांसद व हरियाणा सहप्रभारी डा सुशील गुप्ता ने प्रदेश सरकार पर आरोप लगाा है कि एक तरफ तो कोरोना महामारी को लेकर हाहाकार मचा हुआ है। वहीं हरियाणा के स्वास्थ मंत्री अवैज्ञानिक उपचार को बढावा देने की बात करते है। इससे साफ हो जाता है कि हरियाणा सरकार को जनता की जान की परवाह नहीं, बल्कि अपने चहेतों को फायदा पहुंचाने में अधिक है।
मालूम हो कि हरियाणा स्वास्थ मंत्री अनिल विज ने प्रदेश में कोरोना मरीजो को रामदेव की कोरोनिल 50 प्रतिशत में बांटने का ऐलान किया है। जिसको कोरोना इलाज की अभी तक मान्यता तक नहीं मिल सकी है।
वहीं आप मेडिकल सेल हरियाणा की प्रमुख डॉ सारिका वर्मा ने तो सरकार को मौत का सौदागर तक कहा।
डा सरीका वर्मा ने कहा कि स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने बीते सोमवार को घोषणा की कि हरियाणा सरकार हरियाणा में 1 लाख कोरोनिल किट वितरित करेगी और इस लागत का 50ः हरियाणा सरकार द्वारा वहन किया जाएगा। यह सीधे-साीधे लोगों की जान से खिलवाड नहीं तो क्या है। उन्होंने सरकारी पैसों को कोरोना महामारी और ब्लैक फंगस की तैयारी में लगाने की वकालत की।
उन्होंने यह भी कहा कि ड्रग काउंसिल ऑफ इंडिया ने कोरोनावायरस के इलाज के लिए कोरोनिल को मंजूरी नहीं दी है और सरकार को इस पर करदाताओं के पैसे का एक भी रुपया बर्बाद करने से बचना चाहिए।
आप के हरियाणा सहप्रभारी सांसद डा सुशील गुप्ता ने स्वास्थ मंत्री अनिल विज को आरोपित लहजे में कहा कि बेहतर होता अगर इस योजना के लिए स्वीकृत 2 करोड़ रूपयों का उपयोग राज्य सरकार अधिक से अधिक वेंटिलेटर, आॅक्सीमीटर, आॅक्सीजन प्लांट, बेड व अन्य स्वास्थ सेवाओं को बढाने के लिए करती। इस महामारी मंे भी भाजपा सरकार मरीजों की जान की अनदेखी कर अपने दोस्त रामदेव को फायदा पहुंचाना चाहती है।
उन्होंने हरियाणा ने कहा कि हम माननीय स्वास्थ्य मंत्री से अनुरोध करते हैं कि राज्य में सभी चिकित्सा खर्चों को आईसीएमआर की सलाह पर आधारित करें और हर जिले में बनें देखभाल केंद्रों की संख्या में वृद्धि करके स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे में सुधार करें।
इसके अलावा हरियाणा के हर शहर में एम्फोटेरिसिन बी इंजेक्शन की घोर कमी है। गुड़गांव, फरीदाबाद, अंबाला, हिसार के अस्पताल ब्लैक फंगस के प्रत्येक रोगी के लिए पर्याप्त लिपोसोमल एम्फोटेरिसिन बी प्राप्त करने के लिए आवश्यक पदम उठाए। उन्होंने विदेशों से आवश्यक इंजेक्शन एयरलिफ्ट करने के लिए भी स्वास्थ्य मंत्री के हस्तक्षेप का अनुरोध किया, ताकि लोगों के जीवन को बचाने के लिए यह पैसा उपयोग में आ सके।