New Delhi, 27 Nov 2020 : राज्य सभा सांसद एवं आम आदमी पार्टी हरियाणा के सहप्रभारी डाॅ. सुशील गुप्ता ने तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के दिल्ली कूच और उन्हें वहां जाने से रोकने के लिए पानी की बौछारें तथा आसूं गैस के गोले छोड़ने की कड़ी प्रतिक्रया व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि केंद्र तथा हरियाणा सरकार ने नादिरशाही की सभी सीमायें पार कर दी हैं और एमरजेंसी की याद ताजा कर दी हैं। उन्होंने हैरानी व्यक्त करते कहा कि सविंधान दिवस पर जिस तरह किसानों के साथ अत्याचार किया गया है तथा संविधान की धज्जियाँ उड़ाई, उससे साफ जाहिर होता है की भाजपा की सरकार देश के संविधान को ही नहीं मानती।
सुशील गुप्ता ने कहा कि आंदोलन उग्र करने के पीछे भी भाजपा सरकार है। क्योंकि अगर आंदोलन उग्र होगा तो किसानों के खिलाफ माहौल बनाया जा सकेगा। जबकि किसान शांत तरीके से अपनी बात करने को कह रहें है। इसीलिए दिल्ली ने उनके लिए एक स्थान सुनिश्चित कर किसानों को अपनी बात रखने को कहा है।
सांसद सुशील गुप्ता ने कहा कि आज केन्द्र और हरियाणा की सरकार किसानों से बिना शर्त बात करने को कह रही है। अगर वह काले कानून बनाते वक्त ही उनकी बात को सुन लेते तो किसानों को सडकों पर आने की जरूरत नहीं पडती।
सुशील गुप्ता ने कहा देश का पेट भरने वाले अन्नदाता के अधिकारों का हनन किया जा रहा है। भीषण ठण्ड के बीच अपनी जायज मांगों को लेकर गांधीवादी तरीके से दिल्ली जा रहे किसानों को जबरन रोकना तथा उन पर पानी की बौछारें करना,आंसू गैस के गोले छोड़ना हिटलरशाही का जीवंत उदाहरण है। उन्होंने कहा है कि संविधान दिवस पर किसानों के संवैधानिक अधिकारों को न केवल छीना जा रहा है,बल्कि उन्हें प्रताड़ित कर उन्हें कंगाली की तरफ धकेला जा रहा है। किसानों की आवाज को एक तरफ जहां दबाया जा रहा है वहीँ उन्हें हिंसक होने के लिए मजबूर भी किया जा रहा है।
उन्होंने केंद्र एवं हरियाणा की सरकारों से पूछा है कि क्या किसानों को सार्वजनिक मार्गों से शांतिपूर्वक गुजरने का अधिकार नहीं है ? आखिर दिल्ली दरबार को अन्नदाताओं से खतरा कब से हो गया ? क्या अन्नदाता को अपनी उपज का न्यूनतम समर्थन मूल्य मांगने का हक नहीं ? क्या उन्हें यह पूछने का भी अधिकार नहीं की नए कानूनों में न्यूनतम समर्थन मूल्य देने का प्रावधान है की नहीं ?
उन्होंने कहा कि किसानों,व्यापारियों तथा मजदूरों का सब कुछ छीना जा रहा है और पूँजीपतिओं को थाल में सजा कर बांटा जा रहा है। लेकिन देश का अन्नदाता को उसकी उपज का उचित मूल्य नहीं दिया जा रहा है। ये तीनों ही बिल किसान विरोधी हैं इसलिए आम पार्टी किसानों के साथ खड़ी है तथा पार्टी की मांग है की सरकार चैथा बिल लाए तथा उसमें किसानो की उपज का न्यूनतम समर्थन मूल्य देने तथा न देने पर पेनल्टी तथा सजा का प्रावधान करे।
हरियाणा सरकार दिल्ली मंे किसानों के अलावा सब को सीमा पार करने देती है, मगर किसान जब दिल्ली आना चाहता है तो उसको रोकने के इंतजाम पानी की बौछार,लाठीचार्ज से करती है। सीमा पर कटीलें तारे, गढढे किए जाते है, जैसे कोई आतंकवादी सीमा में धूस रहा हो। यह किसी भी लोकतंत्र में मान्य नहीं होगा।
दिल्ली सरकार और आमआदमी पार्टी सदैव किसानों के हित में आवाज उठाती रही है, भले ही संसद हो या सडक, हम किसानों के साथ खडे है।
सुशील गुप्ता ने कहा हरियाणा सरकार ने जिस तरह अन्नदाताओं के साथ जुल्म किया है उसे किसी भी कीमत पर बर्दास्त नहीं किया जा सकता। हरियाणा सरकार के हर विभाग के कर्मचारी, व्यापारी, मजदूर त्राही त्राही कर रहा है धरना एवं प्रदर्शन कर रहा है तथा हरियाणा का जन जन सरकार से हताश व् परेशान है। सूबे के मुख्यमंत्री पूरी तरह अपना विश्वाश खो चुके है। इसलिए उन्हें तुरंत ही अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए।