New Delhi News, 18 Dec 2019 : भारत का सबसे भरोसेमंद वाटर प्यूरीफायर ब्रांड केन्ट आरओ ने “जीरो वाटर वेस्टेज टेक्नोलॉजी“ के साथ एक नया समाधान पेश किया है। अपनी तरह के पहले “जीरो वॉटर वेस्टेज टेक्नोलॉजी” केन्ट आरओ में वेस्टेज पानी को इस तरह से रीसाइकिल किया जाएगा कि एक भी बूंद वेस्टेज नहीं होगी। आरसी प्रोसेस के माध्यम से शुद्ध पानी की प्राप्ति भी 25 प्रतिशत से 50 प्रतिशत तक बढ़ाया जाता है।
पारंपरिक आरओ वाटर प्यूरीफायर की रिकवरी दर 4ः1 है, यानी 4 गिलास पानी पर एक गिलास शुद्ध पानी देगा। लेकिन नई तकनीक के साथ रिकवरी दर 50 प्रतिशत तक बढ़ जाती है। इसका तात्पर्य यह है कि चार गिलास पानी से 2 गिलास पीने योग्य पानी का उत्पादन करेगा। और शेष दो गिलासों को रीसाइकिल किया जाएगा और इसे पीने योग्य बनाने के लिए फिल्टर किया जाएगा। इसलिए आरओ प्रोसेस में पानी की एक भी बूंद व्यर्थ नहीं जाती है। यह विभिन्न इनोवेटिव और पेटेंट प्रोसेसेज के माध्यम से प्राप्त किया जाता है जिसमें एडवांस्ड फिल्ट्रेशन प्रोसीजर के साथ-साथ सबसे कुशल आरओ मेम्ब्रेन का उपयोग शामिल है।
आरओ वाटर प्यूरीफायर से पानी की वेस्टेज की समस्या पर जोर देते हुए, श्री महेश गुप्ता, चेयरमैन, केन्ट आरओ सिस्टम्स लिमिटेड ने कहा कि “कुल मिलाकर, पारंपरिक आरओ वाटर प्यूरीफायर में 10 लीटर शुद्ध और पीने योग्य पानी का उत्पादन करने के लिए 40 लीटर सामान्य पानी की आवश्यकता होती है, इसलिए आप बहुत अच्छी तरह से कल्पना कर सकते हैं कि रोजाना कितना पानी बहाया जा रहा है। इस विशाल समस्या और टेक्नोलॉजी देश को व्यापक रूप से समझते हुए, केन्ट आरओ सिस्टम लिमिटेड इस इनोवेटिव “जीरो वॉटर वेस्टेज टेक्नोलॉजी“ के साथ सामने आई है। घर के स्तर पर पीने के पानी की बर्बादी को बचाने के लिए यह निर्विवाद रूप से सबसे बड़े स्रोतों में से एक है।”
ये शानदार तकनीक मूल रूप से एक कंप्यूटर नियंत्रित प्रोसेस का उपयोग करती है जो शुद्ध पानी के रूप में 50 प्रतिशत से अधिक पानी की रिकवरी करती है। शेष पानी जो आम तौर पर बाहर बहाया जाता है, उसे फिर से पानी के टैंक में जोड़कर रीसाइकिल किया जाएगा और अत्यधिक कॉम्पलैक्स और एडवांस्ड टेक्नोलॉजी का उपयोग करके इसे फिर से पीने योग्य बनाया जाएगा। एक अन्य प्रमुख कारक पानी में नियंत्रित मिनरल्स हैं, इसलिए पानी की सबसे खराब गुणवत्ता के बावजूद तकनीक फि़ल्टर किए गए पानी में सभी आवश्यक मिनरल्स यानि खनिजों को सौ प्रतिशत शुद्ध और समृद्ध बनाए रखेगा।
श्री महेश गुप्ता ने कहा कि “परिवारों में एक स्वस्थ जीवन शैली जीने और दूषित पानी के कारण संभावित स्वास्थ्य जोखिमों को कम करने पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है, जिसके चलते भारत में वाटर प्यूरीफायर का बाजार एक उल्लेखनीय दर से बढ़ रहा है।“
21 शहरों के नल के पानी पर किए गए नमूनों के परीक्षणों के आधार पर ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड्स (बीआईएस) की एक हालिया रिपोर्ट में चौंकाने वाले परीक्षण निष्कर्ष हैं। 21 में से 15 शहर का पानी एक या एक से अधिक सुरक्षा मापदंडों को पूरा करने में असफल रहे।
इसके अलावा चंडीगढ़, गांधीनगर, पटना, बेंगलुरु, जम्मू, लखनऊ, चेन्नई और देहरादून जैसे शहरों ने उन शहरों में स्थान बनाया है जहां नल के जल की गुणवत्ता औसत से कम है। राष्ट्रीय राजधानी भी जहां 11 विभिन्न स्थानों से नमूने लिए गए थे, अधिकतम 19 मापदंडों पर आवश्यकताओं को पूरा करने में विफल रहे। इसलिए आरओ वाटर प्यूरीफायर को काफी तेजी से अपनाया जा रहा है और मांग बढ़ रही है। लेकिन इससे एक और चुनौती पैदा होती है, जो पारंपरिक वाटर प्यूरीफायर के जरिए पानी की बर्बादी है। ये समस्या लगातार बढ़ रही है।
श्री महेश गुप्ता ने कहा कि “इसके अलावा, पानी की बढ़ती कमी और भूजल स्तर के लगातार गिरने से ऐसे वाटर ट्रीटमेंट उत्पादों की मांग में तेजी आई है जो पानी की बर्बादी को कम करके पानी को बचाने में मदद करते हैं। केन्ट की नई जीरो वाटर वेस्टेज टेक्नोलॉजी, उन लोगों को पूरी तरह से मन की शांति प्रदान करती है जो पानी की बर्बादी को खत्म करते हुए शुद्ध, स्वच्छ पानी पीना चाहते हैं।”
कंपनी ने इस बढ़ती समस्या को कम करने के लिए अपनी पूरी तरह से नई तकनीक से तैयार किए गए पहला आरओ प्योरीफायर ग्रैंड प्लस को पेश किया है जो कि जीरो वाटर वेस्टेज टेक्नोलॉजी से युक्त है। भविष्य में केन्ट के सभी आरओ प्योरीफायर्स में यही तकनीक होगी और उनको पानी बर्बाद करने से मुक्त किया जाएगा।
जीरो वाटर वेस्टेज टेक्नोलॉजी के अलावा, नए मॉडल में केन्ट की पेटेंटेड मिनरल आरओटीएम तकनीक भी होगी। यह टीडीएस कंट्रोलर का उपयोग करके शुद्ध पानी में आवश्यक प्राकृतिक खनिजों को बनाए रखने में मदद करता है, जिससे 100 प्रतिशत सुरक्षित और स्वादिष्ट पेयजल उपलब्ध होता है। आरओ$ यूवी/यूएफ की डबल प्योरीफिकेशन भी कैमिकल्स, बैक्टीरिया, वायरस और साल्ट्स जैसे घुलनशील अशुद्धियों को हटा देती है, जिससे पानी 100 प्रतिशत शुद्ध हो जाता है। ये मॉडल भारतीय घरों और कार्यालयों के लिए सबसे उपयुक्त हैं और खारे/नल के पानी/ नगर निगम की जल आपूर्ति को प्योरीफायर यानि शुद्ध करने के लिए पूरी तरह से उपयुक्त हैं।
केन्ट के सभी मॉडलों की तरह, केन्ट प्राइम, केन्ट प्राइड और केन्ट ग्रैंड प्लस को दुनिया की प्रसिद्ध प्रयोगशालाओं द्वारा उनके प्रदर्शन और गुणवत्ता के लिए परीक्षण और प्रमाणित किया जाता है। इन उपलब्धियों को प्राप्त करना इस बात की गारंटी है कि केन्ट न केवल सबसे शुद्ध पानी देता है, बल्कि लाखों लोगों द्वारा इस पर भरोसा भी किया जाता है।