New Delhi News : जिंदा बच्चे को मृत बताने वाले मैक्स हॉस्पीटल का लाइसेंस दिल्ली सरकार ने रद्द कर दिया है। यह कदम सरकार ने तब उठाया है जब सरकार की तीन सदस्यीय जांच रिपोर्ट में हॉस्पीटल को एक के बाद एक लापरवाही का दोषी पाया गया है।
दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि हम शालीमार बाग स्थित मैक्स अस्पताल का लाइसेंस रद्द कर रहे हैं। जिंदा बच्चे को मृत करार देने जैसी जानलेवा लापरवाही बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि हमने यह निर्णय सरकार की तीन सदस्यीय पैनल वाली जांच रिपोर्ट के बाद में लिया है।
सरकार की पहली जांच रिपोर्ट में तीन सदस्यीय विशेषज्ञ पैनल ने नवजात शिशुओं से निपटने में ‘निर्धारित चिकित्सा मानदंडों’ का पालन नहीं करने के लिए अस्पताल को दोषी पाया था। अस्पताल के रिकॉर्ड की जांच करके और प्रासंगिक कर्मचारियों से पूछताछ पर पता चला कि अस्पताल ने बच्चे की ईसीजी करने से पहले ही उसे मृत घोषित कर दिया था। ईसीजी टेस्ट हृदय की विद्युत गतिविधि को चेक करती है यदि वह सामान्य रूप से काम कर रही है।
क्या था मामला
बात दें कि बीते शुक्रवार को दिल्ली के शालीमार बाग स्थित मैक्स हॉस्पिटल की एक बड़ी लापरवाही सामने आई। जिसमें मैक्स अस्पताल ने दो नवजात शिशुओं को मृत घोषित कर उन्हें परिजनों को सौंप दिया। परिजन उन्हें दफनाने ले जा रहे थे कि अचानक एक बच्चे ने हरकत की। हरकत होने पर परिजन तुरंत ही अस्पताल की तरफ दौड़े। परिजनों ने जब बच्चे को अस्पताल में भर्ती कराया तो डॉक्टरों ने उसे जिंदा बताया। इसमें डॉक्टर की लापरवाही सामने आई। हालांकि काफी देर पॉलीथिन में बंद रहने की वजह से बच्चे की हालत काफी बिगड़ चुकी थी। बाद में जिंदा मासूम की 6 दिसंबर को मौत हो गई।
Etv Bharat Delhi के पोल में हुई थी लाइसेंस रद्द की मांग
Etv Bharat Delhi ने अपने सोशल मीडिया पेज में पोल के जरिए लापरवाह मैक्स अस्पताल का लाइसेंस रद्द करने के बारे में उनकी राय जानी थी। जिसमें आप लोगों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया था। सर्वे से पता चला कि ज्यादातर लोगों ने अस्पताल का लाइसेंस रद्द कराने के पक्ष में राय दी है।