मोदी सरकार ने कहा कि यह पॉलिसी मामला है इसमें कोर्ट को दखल नहीं देना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने 2013 में लिलि थॉमस को दोषी करार दिए जाने के बाद उन्हें अपने अयोग्य करार दिया था। कोर्ट के इस फैसले के बाद कुछ अन्य सांसदो व विधायकों को अपनी कुर्सी छोडऩी पड़ी थी। इससे पहले इसका प्रावधान था कि विधायक और सांसद दोषी ठहराए जाने के बाद अपील कर सकते हैं और जबतक मामले की सुनवाई चल रही है वह अपने पद पर बने रह सकते हैं। कुछ ऐसे सांसद और विधायक भी हैं जिन्होंने दोषी ठहराए जाने के बाद भी अपने पद से इस्तीफा देने से इनकार कर दिया था।
सरकार ने कोर्ट को दिया सुझाव
इस मुद्दे पर एनजीओ लोक प्रहरी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी, इस सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को तमाम आरोपों पर जवाब देने का कहा था। जिसके जवाब में सरकार ने कहा कि निर्वाचित सांसद और विधायकों को दोषी करार दिए जाने के बाद इस्तीफा देने की जरूरत नहीं है। सरकार ने कोर्ट को यह सुझाव दिया कि दोषी विधायक व सांसदों को अपील करने व इसपर फैसला आ जाने तक पद पर बने रहने देने की अनुमति देनी चाहिए।