बेंगलुरु, 30 अगस्त 2022 : कृषि तकनीक (एग्री-टेक) उद्योग ने बहुत कम समय में काफी तेज रफ्तार से तरक्की की है। कई स्टार्टअप्स इस क्षेत्र में आगे आ रहे हैं, लेकिन व्यावहरिक रूप से अपना बिजनेस खड़ा करने के लिए जरूरी है कि उन्हें उचित मार्गदर्शन और संरक्षण के साथ-साथ संसाधनों तक पर्याप्त पहुंच मिले। इसी बात को ध्यान में रखते हुए, भारत की सबसे बड़ी और प्रमुख एग्री-टेक कंपनी nurture.farm अपने तकनीकी समाधानों की मदद से खेती का ऐसा पारितंत्र तैयार कर रही है जोकि सुविधाजनक होने के साथ ही स्थायी भी हो। nurture.farm ने अपना इनक्यूबेशन प्रोग्राम ‘कैटालिस्ट’ लॉन्च किया है। यह प्रोग्राम एग्रीटेक के क्षेत्र में काम करने वाले स्टार्टअप्स को अपना अस्तित्व बनाए रखने और आगे चलकर अपना दायरा बढ़ाने में मदद प्रदान करेगा।
nurture.farm का कैटालिस्ट प्रोग्राम एग्री-टेक स्टार्टअप्स को कृषि व्यवस्था के तहत प्रमुख हितधारकों के साथ साझेदारी करने में सहयोग देगा। उन्हें उनके खर्चों के लिए पूंजी उपलब्ध कराई जाएगी। इतना ही नहीं, वह अपने उत्पादों एवं समाधानों का बड़े पमाने पर परीक्षण कर सकेंगे और उन्हें इंफ्रास्ट्रक्चर, कृषि उद्योग से जुड़ी विभिन्न जानकारियां और मानव संसाधन उपलब्ध कराने में मदद दी जाएगी। इस प्रोग्राम के तहत स्टार्टअप्स को अपनी वृद्धि की रफ्तार तेज करने के लिए बड़े पैमाने पर सहयोग दिया जाएगा। इस इनक्यूबेशन प्रोग्राम में तरह-तरह के स्टार्टअप्स को विकास में पूरा सहयोग मिलेगा, जिसमें प्री-रेवेन्यू, सीड-फंडेड या एंजेल-फंडेड स्टाटर्टअप्स शामिल हैं। कंपनी नए-नए क्षेत्रों में नई खोज कर रहे इन स्टार्टअप्स को सहायता देने के लिए पूरी तरह से तत्पर है।
nurture.farm के साथ सहयोग कर, स्टार्टअप्स इसके अनुभव से लाभ उठा सकते हैं, ग्रामीण क्षेत्रों में काम करने का अपना नेटवर्क बढ़ा सकते हैं तथा इंडस्ट्री में अपने संबंधों और कंपनी की समय के साथ बढ़ती साख का लाभ उठा सकते हैं।
nurture.farm के बिजनेस हेड और सीओओ ध्रुव साहनी ने कहा, “इस समय एक ओर कृषि के क्षेत्र में उत्पादकता तेजी से कम हो रही है। वहीं दूसरी ओर, दुनिया की जनसंख्या लगातार बढ़ रही है और 2050 तक इसके 10 अरब तक पहुंचने का अनुमान है। इससे खाद्यान की कमी होने का संकट उत्पन्न हो सकता है। इसके अलावा फसलों में लगने वाले कीटों, बीमारियों और प्राकृतिक आपदाओं से भी सालाना 40 फीसदी से ज्यादा उपज नष्ट हो जाती है और इस वजह से हर साल 108 बिलियन अमेरिकी डॉलर का नुकसान झेलना पड़ता है। इन चुनौतियों से निपटने के लिए हमें ऐसे उपाय करने की जरूरत है जोकि पैदावार को बचाने में कारगर हों और खाद्य सुरक्षा की हमारी चिंता को दूर करने में मदद कर सकें।”
nurture.farm भारत के दूर-दराज के क्षेत्रों को जोड़ने के लिए डिजिटल ताकत का लाभ उठा रहा है और इसके लिए इसने मजबूत टेक्नोलॉजी प्लेटफॉर्म का निर्माण किया है, साथ ही एग्री ई-कॉमर्स मार्केटप्लेसेस बनाए हैं। कंपनी बाजार के साथ जुड़ाव स्थापित कर रही है और अपने सप्लाई चेन नेटवर्क का दायरा बढ़ा रही है। यही नहीं, परामर्श सेवाओं, वित्तीय समाधानों को उपलब्ध कराने के साथ ही इसने शेयर्ड इकोनॉमी मॉडलों का निर्माण किया है। इस समय कृषि उद्योग के लिए सबसे बड़ी जरूरत आपस में एकजुट होने, संसाधनों को एकत्र करने, सूचनाओं का आदान-प्रदान करने और एक दूसरे से सीखने की है, इससे किसान जल्दी से जल्दी कृषि क्षेत्र में विकास कर अपने दायरे को तेजी से बढ़ाने में सक्षम होंगे।
उन्होंने कहा, “जब हम कृषि उद्योग में सामने आ रही बहुत सी समस्याओं को देखते हैं, तो हमें महसूस होता है कि हमें नए-नए आविष्कार कर रहे और कृषि क्षेत्र में नए बदलाव ला रहे स्टार्टअप्स के लिए एक रास्ता बनाना चाहिए। ये उभरते हुए स्टार्टअप्स हमारे पारितंत्र का लाभ उठा सकते हैं, अपने उत्पाद को बाजार के अनुकूल बनाने के लिए बड़े पैमाने पर अपने समाधानों का परीक्षण कर सकते हैं। इससे हमें अपने किसानों, अपनी कृषि व्यवस्था और इस धरती के सामने आने वाली चुनौतियों का मुकाबला करने में मदद मिलेगी। इस संबंध में कदम उठाने का समय अब आ गया है और हमारा इनक्यूबेशन प्रोग्राम ‘कैटालिस्ट’ इस लक्ष्य को हासिल करने की दिशा में एक और कदम है। हमें अब कृषि की स्थायी प्रणालियों पर फोकस करने की जरूरत है और साथ ही हमें समस्याओं को हल करने के लिए इस सेक्टर में टेक्नोलॉजी को शामिल करने के लिए काम करना होगा।”
महत्वाकांक्षी स्टार्टअप ‘कैटालिस्ट’ प्रोग्राम के लिए nurture.farm की वेबसाइट पर आवेदन कर सकते हैं। हमारे नॉलेज पार्टनर्स में यूपीएल, एनपीपी, एडवेंटा, डेको और आईएआरआई शामिल हैं। कृषि उद्योग से हमारे विशेषज्ञों का अनुभवी पैनल हर आवेदन की समीक्षा करेगा, स्टार्टअप्स को संरक्षण प्रदान करेगा और उन्हें आगे बढ़ने व वृद्धि करने में मदद करेगा। इस प्रोग्राम के लिए 31 मार्च 2023 तक आवेदन स्वीकार किए जाएंगे।