फरीदाबाद, 07 सितम्बर। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को जिला फरीदाबाद मे शिक्षक पर्व -2021 कार्यक्रम बारे में आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से खंड शिक्षा अधिकारी, सभी स्कूल मुखिया,सभी शिक्षकगण, अभिभावक, बच्चों को सम्बोधित किया। स्कूल शिक्षा विभाग, शिक्षा मंत्रालय भारत सरकार द्वारा 7 से 17 सितंबर 2021 तक शिक्षक पर्व वर्चुअल मोड को मनाया जा रहा है। जिसका विधित उद्दघाटन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज किया जाएगा । उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम देश की अपनी सोच वाली नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 से शिक्षा जगत ( शिक्षकों )/अपनी भावी पीढ़ी (छात्रों) को अवगत कराएगा। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से शिक्षक पर्व के पहले सम्मेलन को संबोधित करते हुआ कहा कि जब समाज मिलकर कुछ करता है, इच्छित परिणाम जरूर मिलते हैं। उन्होंने कहा कि एजुकेशन न केवल समावेशी होनी चाहिए बल्कि न्यायसंगत भी होनी चाहिए। उन्होंने इस अवसर पर राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त करने वाले शिक्षकों को बधाई देते हुए कहा, ‘आप सभी ने कठिन समय में देश में शिक्षा के लिए, विद्यार्थियों के भविष्य के लिए जो एकनिष्ठ प्रयास किया है, वो अतुलनीय है, सराहनीय है।’ इस दौरान पीएम मोदी ने कहा, ‘आज जो योजनाएं शुरू हो रही है वो भविष्य के भारत को आकार देने में अहम भूमिका निभाएंगी। आज विद्याजंली, 2.0 जैसी कई योजनाएं शुरू की गई हैं।’
ऐसा है ‘निष्ठा’ ट्रेनिंग प्रोग्राम्स
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘निपुण भारत अभियान में तीन वर्ष से आठ वर्ष तक के बच्चों के लिए फाउंडेशन लिट्रेसी एंड न्यूम्बरेसी मिशन लांच किया गया है। तीन वर्ष की उम्र से ही सभी बच्चे अनिवार्यता प्री स्कूल शिक्षा प्राप्त करें इस दिशा में जरूरी कदम उठाए जाएंगे। तेजी से बदलते इस दौर में हमारे शिक्षकों को भी नई व्यवस्थाओं और तकनीकों के बारे में तेजी से सीखना होता है। ‘निष्ठा’ ट्रेनिंग प्रोग्राम्स के जरिए देश अपने टीचर्स को इन्हीं बदलावों के लिए तैयार कर रहा है।’ पीएम ने बताया कैसी हो शिक्षा आज विद्यांजली 2.0, निष्ठा 3.0, टॉकिंग बुक्स और यूएलडी बेस आईएसएल डिक्शनरी जैसे नए कार्यक्रम और व्यवस्थाएं लॉन्च की गई हैं। उन्होंने कहा कि मुझे पूरा भरोसा है कि यह हमारे शिक्षा व्यवस्था को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाएगी। अब समय है कि हम अपनी क्षमताओं को आगे बढ़ाएं। हमने कोरोना काल के मुश्किल समय में जो कुछ सीखा है उसे एक नई दिशा दें। आज एक ओर देश के पास बदलाव का वातावरण है तो साथ ही नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति जैसी आधुनिक पॉलिसी भी है। इसीलिए, आज देश टाकिंग बुक्स और ऑडियो बुक्स जैसी तकनीक को शिक्षा का हिस्सा बना रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘अभी हाल ही में संपन्न हुए टोक्यो ओलंपिक और पैरालंपिक में हमारे खिलाड़ियों ने शानदार प्रदर्शन किया। उन्होंने खिलाड़ियों से अनुरोध किया है कि आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर हर खिलाड़ी कम से कम 75 स्कूलों में जाएं।’ इस दौरान पीएम मोदी ने कहा, ‘आज एक ओर देश के पास बदलाव का वातावरण है, तो साथ ही नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति जैसी आधुनिक और भविष्य की नीति भी है। इसलिए पिछले कुछ समय से देश लगातार एजुकेशन सेक्टर में एक के बाद एक नए निर्णय ले रहा है, एक बड़ा बदलाव होते देख रहा है। देश ने ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास’ के साथ ‘सबका प्रयास’ का जो संकल्प लिया है, ‘विद्यांजलि 2.0’ उसके लिए एक जीवंत प्लेटफार्म की तरह है। जब समाज मिलकर कुछ करता है, तो इच्छित परिणाम अवश्य मिलते हैं। और आपने ये देखा है कि बीते कुछ वर्ष में जनभागीदारी अब फिर भारत का नेशनल कैरेक्टर बनता जा रहा है।
प्रधानमंत्री ने कई योजनाओं का आरंभ करते हुए कहा, ‘आज शिक्षक पर्व पर विद्यांजलि 2.0, निष्ठा 3.0 जैसी अनेक नई परियोजनाओं का शुभारंभ हुआ है। ये पहल इसलिए भी जरूरी है, क्योंकि देश अभी आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है। आज जो योजनाएं शुरु हुई हैं, वो भविष्य के भारत को आकार देने में अहम भूमिका निभाएंगी।’
इस बार की थीम शिक्षक पर्व-2021’ का विषय ‘गुणवत्ता और सतत विद्यालय: भारत में विद्यालयों से ज्ञान प्राप्ति गुणवत्ता है। यह सम्मलेन न केवल सभी स्तरों पर शिक्षा की निरंतरता सुनिश्चित करने, बल्कि देश भर के स्कूलों में गुणवत्ता, समावेशी प्रथाओं और स्थायित्व में सुधार के लिए नवीन तौर-तरीकों को प्रोत्साहित करेगा।