नई दिल्ली। मशहूर फिल्म निर्देशक इकबाल दुर्रानी ने सामवेद का उर्दू में अनुवाद कर संघ प्रमुख डॉ. मोहन भागवत से पुस्तक का विमोचन कराया। इकबाल दुरानी ने कहा कि यह पुस्तक इश्क का तराना है, जिसे हर किसी को पढ़ना चाहिए।मदरसों में भी इस पुस्तक को पढ़ाया जाना चाहिए, जिससे कि बच्चे यह जान सके कि क्या सही है क्या गलत है? उन्होंने कहा कि जब तक बच्चे पढ़ेंगे नहीं तब तक जानेंगे कैसे की क्या चीज सही है क्या चीज गलत है। उन्हें जो बताया जाता है, वही वह समझते हैं, ऐसे में जब बच्चे सामवेद को पढ़ेंगे तब जाकर उन्हें यह समझ में आएगा कि यह पुस्तक क्या है।
इकबाल दुर्रानी ने कहा कि आम बच्चों तक सही तरीके से यह पुस्तक पहुंचे इसलिए इसको सचित्र बनाया गया है। उन्होंने कहा कि चित्र एक ऐसा माध्यम है जिससे विषय को समझने में आसानी होती है। उनका साफ कहना था कि इसके बाद इसका डिजिटल वर्जन भी आएगा और बाकायदा इसको यूट्यूब पर अपलोड किया जाएगा। जिससे कि हर व्यक्ति के मोबाइल में हर व्यक्ति के लैपटॉप में सामवेद पहुंच सके।
आज औरंगजेब हार गया और नरेंद्र मोदी जीत गए
इकबाल दुर्रानी ने कहा कि उन्होंने दारा शिकोह के सपने को पूरा किया है
उन्होंने कहा कि मुस्लिम शासन के जब 400 साल पूरे हो गए तब दारा शिकोह जो 1620 के आसपास पैदा हुए थे उन्होंने 52 उपनिषदों का अनुवाद कराया। लोगों ने कहा कि असल मूल पुस्तक तो वेद है तो उन्होंने कहा कि ठीक है हम वेदों का अनुवाद करेंगे लेकिन इसी बीच औरंगजेब की तलवार चमकी और उसने दारा शिकोह का सर कलम करवा दिया, तो जो ख्वाब लाल किला बनाने वाले शाहजहां की हुकूमत में अधूरे रह गए थे उनको मैं पूरा करने जा रहा हूं। माननीय मोदी जी की सरकार में यह काम हुआ है तो मैं कहना चाहता हूँ कि आज औरंगजेब हार गया और नरेंद्र मोदी जीत गए हैं।
इस मौके के अवसर पर फरीदाबाद से संत मुनी महाराज,पीर जगन्नाथ,ललित गिरी महाराज,डा० हरिओम,आचार्य जयकुमार, सतीश सत्यम शास्त्री, प्रांत संपर्क प्रमुख गंगाशंकर मिश्र, महेश बजाज, विमल खंडेलवाल, डा० अरविंद गुप्ता,
जगदीश चौधरी, जीत सिंह भाटी, उदयराम, राजकुमार शर्मा, मनीष राघव, योगेश दत्ता, सौरभ मुद्गल, मुकेश वर्मा एवं अन्य समाज के प्रबुद्ध लोग उपस्थित थे।