New Delhi News, 16 June 2019 : प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई नीति आयोग की गवर्निंग कौंसिल की पांचवीं बैठक में भाग लेने के उपरांत शनिवार देर सांयकाल नई दिल्ली में हरियाणा भवन में मीडिया से बातचीत करते हुए हरियाणा के मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘वर्षा जल संचय’ नीति आयोग की गवर्निंग कौंसिल की बैठक की कार्यसूची का एक महत्वपूर्ण विषय रहा। बैठक में ‘वर्षा जल संचय’ के संदर्भ में विभिन्न राज्यों द्वारा अपनी-अपनी योजनाओं का विवरण प्रस्तुत किया गया। इस संबंध में हरियाणा राज्य का विवरण भी प्रस्तुत किया गया।
हरियाणा के मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘जल ही जीवन है ‘ योजना के अंतर्गत धान की अपेक्षा अन्य फसलों की खेती को प्राथमिकता देने का लक्ष्य है। इस दिशा में प्रथम स्तर पर 10 हजार हेक्टेयर कृषि क्षेत्र के किसान तैयार हुए है। हरियाणा की इस योजना की अन्य राज्यों ने भी प्रशंसा की है।’वर्षा जल संचय’ की दिशा में शिवालिक क्षेत्र में छोटे-छोटे बांध बनाए जाएंगे। सरस्वती नदी पर 200 क्यूसेक क्षमता की परियोजना तैयार की गई है। जल संचय योजनाओं को विस्तार दिया जाएगा।मनरेगा के माध्यम से भी जलाशयों का निर्माण करवाया जाएगा। हरियाणा में 14 लाख तालाबों के जीर्णोद्धार,सुधार व विकास की दिशा में ‘हरियाणा तालाब और अपशिष्ट जल प्रबंधन प्राधिकरण’ की स्थापना की गई है। कृषि का रूपांतरण व फसलों का विविधीकरण भी नीति आयोग की गवर्निंग कौंसिल की बैठक की कार्यसूची का विषय रहा।
उन्होंने कहा कि देश में आकांक्षात्मक ( aspiration) श्रेणी के विभिन्न जिलों में हरियाणा के एकमात्र नूंह जिले की प्रगति देश में सर्वाधिक (52 प्रतिशत) है। नूंह जिला क्षेत्र में शिक्षा,स्वास्थ्य व आधारभूत संरचना क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति हुई है। नूंह जिला क्षेत्र के लोगों की आमदनी में वृद्धि की दिशा में और अधिक कार्य किए जाएंगे। कुंडली-मानेसर-पलवल एक्सप्रेसवे के नूंह जिला क्षेत्र से गुजरने के परिणामस्वरूप इस क्षेत्र में औद्योगिक विकास होने व रोजगार सृजित होने की संभावनाएं बढी हैं।