New Delhi News : जी.एस.टी. और पैट्रोल के बढ़ते दामों के विरोध में ट्रांसपोर्टरों ने दो दिवसीय हड़ताल की घोषण की है। आज सुबह से ही सड़कों पर से 93 लाख ट्रक नदारद रहेंगे। इसके साथ ही सभी ट्रांसपोर्टर और संचालक इस देशव्यापी हड़ताल में शामिल होंगे। देश के बस संचालक भी इस हड़ताल को समर्थन दे रहे हैं। बस संचालक भी डीजल की कीमतें बढ़ने और किराया न बढ़ाए जाने से परेशान हैं। इस महा हड़ताल के चलते लोगों की रोजमर्रा की जिंदगी पर काफी असर पड़ने वाला हैं।
क्या है पूरा मामला
दो दिवसीय हड़ताल की योजना को लेकर ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस ने शनिवार को ही हड़ताल का एेलान कर दिया था। उन्होंने कहा था कि सोमवार सुबह से उनका प्रदर्शन 8 बजे शुरु होगा और 10 अक्टूबर शाम आठ बजे तक चलेगा। उन्होंने कहा कि जी.एस.टी. के तहत विभिन्न नीतियों के कारण सड़क परिवहन क्षेत्र में बहुत भ्रम और विघटन पैदा हुआ है। डीजल मूल्य में अत्यधिक वृद्धि और कीमतों में रोजाना उतार-चढ़ाव सड़क परिवहन क्षेत्र को प्रभावित कर रहा है। डीजल और टोल पर किया जानेवाला खर्च ट्रक के परिचालन खर्च के 70 फीसदी से भी अधिक है। हड़ताल करने वाले लोगों की यह मांग है कि डीजल की कमतों में 20 रुपये प्रति लीटर तक की कटौती की जाए। उनका कहना है कि डीजल को ही जीएसटी के अंतगर्त नहीं रखा गया है। डीजल को जीएसटी के अंदर लाने की जरुरत है, ताकि देश में एक ही कीमत पर डीजल की बिक्री हो।
उद्योग जगत पर पड़ेगा असर
ट्रकों की इस हड़ताल से उद्योग जगत भी प्रभावित होगा, क्योंकि ट्रक यूनियन से कोई भी गाड़ी उद्योगों से कोई भी कच्चा और तैयार माल नहीं उठाएगी। त्योहारी सीजन होने के कारण उद्योगों के पास माल तैयार करने के ऑर्डर भी हैं, ऐसे में उन्हें कच्चे माल को लाने और तैयार माल भेजने में दिक्कत झेलनी होगी। कारोबारियों का कहना है कि इस हड़ताल से उद्योग जगत पर काफी मार पड़ेगी, क्योंकि त्योहारों का सीजन है और उद्योगों के पास आर्डर भी है। ऐसे में कच्चा माल लाने तथा तैयार माल भेजने में उद्योगों को परेशानी झेलनी पड़ेगी।